जब सचिन तेंदुलकर के बल्ले से PAK बल्लेबाज शाहिद अफरीदी ने जड़ा था सिर्फ 37 गेंदों में शतक
नई दिल्ली, 3 अगस्त| पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर अजहर महमूद ने उस मैच को याद किया है जिसमें शाहिद अफरीदी ने अपने बल्ले से कोहराम मचा दिया था। यह अफरीदी का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का दूसरा ही मैच था। महमूद ने इसके पीछे अफरीदी की किस्मत भी बताई क्योंकि चार टीमों के उस टूर्नामेंट में लेग स्पिनर मुश्ताक अहमद चोटिल हो गए थे और इसलिए अफरीदी को टीम में जगह मिली थी।
महमूद ने विजडन के द ग्रेटेस्ट राइवलरी पोडकास्ट में कहा, "अफरीदी ने 1996 में नेरौबी में सहारा कप के बाद पदार्पण किया था, जहां मैंने पदार्पण किया था। उस सीरीज में मुश्ताक अहमद चोटिल हो गए थे और अफरीदी वेस्टइंडीज के दौरे पर गई पाकिस्तान-ए टीम का हिस्सा थे। मुश्ताक के चोटिल होने के बाद अफरीदी को टीम में जगह मिली।"
महमूद 1996 में केसीए के सौ साल पूरे हो जाने के मौके पर आयोजित कराए गए टूर्नामेंट की बात कर रहे थे जिसमें पाकिस्तान, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका और केन्या की टीमें थीं। इस टूर्नामेंट के सभी मैच नेरौबी में खेले गए थे। उन्होंने इस सीरीज में अफरीदी द्वारा श्रीलंका के खिलाफ खेली गई 40 गेंदों पर 102 रनों की पारी को याद किया।
अफरीदी ने इस मैच में अपना शतक 37 गेंदों पर ही पूरा कर लिया था और लंबे समय तक वनडे में सबसे कम गेंदों पर बनाए गए शतक के तौर पर रिकार्ड बुक में रहा जिसे बाद में कोरी एंडरसन ने तोड़ा। एंडरसन के रिकार्ड को अब्राहम डिविलियर्स ने तोड़ा। एंडरसन ने 36 गेंदों पर शतक लगाया था तो डिविलियर्स ने 31 गेंदों पर।
महमूद ने कहा, "उन दिनों श्रीलंका के दो सलामी बल्लेबाज सनथ जयसूर्या और विकेटकीपर रोमेश कालूवितरणा शुरू से ही आक्रमण किया करते थे। इसलिए हमने सोचा कि हमें नंबर-3 पर इसी तरह की बल्लेबाजी करने वाला बल्लेबाज चाहिए। अफरीदी और मैं..वसीम अकरम ने हमसे कहा कि तुम लोग नेट्स में जाओ और तेज खेल। मैं समझदारी से खेल रहा था और अफरीदी स्पिनरों को मार रहे थे, वह नेट्स में हर किसी को मार रहे थे।"
उन्होंने कहा, "अगले दिन हमारा श्रीलंका के खिलाफ मैच था और उन्होंने कहा कि अफरीदी तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करेंगे। मुझे लगता है कि वकार यूनिस, सचिन तेंदुलकर से बल्ला लेकर आए थे। अफरीदी ने महान बल्लेबाज तेंदुलकर के बल्ले का उपयोग किया और शतक बनाया और वह बल्लेबाज बन गए। मुख्यत: वह एक गेंदबाज थे जो बल्लेबाजी कर सकते थे, लेकिन अंत में उनका करियर शानदार रहा।"