'मेरे पास PR टीम नहीं है मेरा क्रिकेट ही मेरा PR है', टीम इंडिया में वापसी किए बिना नहीं मानने वाले हैं अजिंक्य रहाणे
भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे सीनियर बल्लेबाज़ अजिंक्य रहाणे टीम में वापसी के लिए पूरा ज़ोर लगा रहे हैं। घरेलू क्रिकेट में शानदार फॉर्म में चल रहे रहाणे चाहते हैं कि उनका बल्ला ही उनके लिए बोले ना कि किसी किस्म का पीआर। एक इंटरव्यू के दौरान रहाणे ने कहा कि उनकी कोई पीआर टीम नहीं है और उनका क्रिकेट ही उनका पीआर है।
रहाणे ने आखिरी बार भारत के लिए 2023 में वेस्टइंडीज दौरे के दौरान खेला था, उस साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खेलने के बाद मुंबई के बल्लेबाज को टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया। उसके बाद रहाणे घरेलू सर्किट में लौट आए और तब से शानदार फॉर्म में हैं। चल रहे रणजी ट्रॉफी 2024-25 सीज़न में, 36 वर्षीय ने 12 पारियों में 437 रन बनाए हैं, जिसमें हरियाणा के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में शतक भी शामिल है।
रहाणे ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन किया था, जहां वो नौ मैचों में 58.62 की औसत और 164.56 की स्ट्राइक रेट से 469 रन बनाकर सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, रहाणे ने कहा कि लोगों ने उन्हें बोलने और खबरों में रहने की सलाह दी है लेकिन वो ऐसे नहीं हैं।
रहाणे ने कहा, "मैं हमेशा शर्मीला था, अब मैं खुल गया हूं। मेरा ध्यान क्रिकेट खेलने और घर जाने पर रहा है। किसी ने मुझे नहीं बताया कि आगे बढ़ने के लिए कुछ चीजों की जरूरत होगी। आज भी, कभी-कभी मुझे लगता है कि बस क्रिकेट खेलो, घर जाओ। अब मुझे कहा जाता है कि मुझे अपनी मेहनत के बारे में बात करनी चाहिए। लोग कहते हैं कि आपको खबरों में बने रहने की जरूरत है। मेरे पास कोई पीआर टीम नहीं है, मेरा एकमात्र पीआर मेरा क्रिकेट है। मुझे अब एहसास हुआ है कि खबरों में बने रहना महत्वपूर्ण है। अन्यथा, लोग सोचते हैं कि मैं सर्कल से बाहर हूं।"
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आगे बोलते हुए रहाणे ने कहा, "टेस्ट क्रिकेट में वापसी करना चाहता हूं। मेरे अंदर अभी भी जोश और जुनून है। मैं फिलहाल रणजी ट्रॉफी खेल रहा हूं, मुंबई टीम को अपना सबकुछ देने की कोशिश कर रहा हूं। एक बार फिर वापसी करने का लक्ष्य साफ है। जब मुझे कुछ साल पहले टीम से बाहर किया गया था, तो मैंने रन बनाए और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए चुना गया और फिर मुझे फिर से टीम से बाहर कर दिया गया। लेकिन मेरे नियंत्रण में क्या है? खेलना। घर पर बैठकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी देखना मुश्किल था। हां (घर पर बैठकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी देखना मुश्किल था)। पहले, अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद मुझे बाहर कर दिया गया था। इसलिए, कहीं न कहीं मुझे लगता है कि मैं अभी भी भारतीय टीम की सेवा कर सकता हूं। मेरे अंदर अभी भी क्रिकेट बचा है।"