भारत Vs साउथ अफ्रीका: ऐसे 5 भारतीय बल्लेबाज जिन्होंने घरेलू सीरीज में खेली टॉप 5 बेस्ट पारी !
भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज 2 अक्टूबर से होने वाला है। पहला टेस्ट मैच विशाखापत्नम में खेला जाएगा। भारतीय टीम 3 टेस्ट मैच इस सीरीज में खेलने वाली है।
टेस्ट सीरीज के आगाज से पहले आईए जानते हैं भारत - साउथ अफ्रीका के घरेलू टेस्ट सीरीज में बेस्ट 5 भारतीय बल्लेबाजी परफॉर्मेंस के बारे में।►
सचिन तेंदुलकर, 100 (नागपुर टेस्ट, 2010)
साल 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ नागपुर टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी में सचिन तेंदुलकर ने शानदार शतकीय पारी खेली थी। हालांकि सचिन तेंदुलकर की 100 रनों की पारी भारत को हार से नहीं बचा पाई लेकिन जो संघर्ष सचिन ने अपनी इस पारी के दौरान दिखाया था वो असाधारण था। इस टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और पहली पारी में हाशिम अमला के 253 नाबाद और जैक कैलिस के 173 रनों की बदौलत 558 रन पर पारी घोषित की।
इसके बाद भारत ने जब अपनी पारी की शुरूआत की तो साउथ अफ्रीकी तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने कहर बरपाया और 7 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजों को केवल 233 रनों पर घूटने टेकने पर मजबूर कर दिया। वैसे सहवाग ने 109 रन बनाए थे लेकिन भारत को फॉलोऑन नहीं करने से बचा नहीं पाए थे।
ऐसे में भारत ने फॉलोऑन का सामना किया और अपनी दूसरी पारी शुरू की। दूसरी पारी में एक बार फिर भारतीय बल्लेबाज उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतरे लेकिन सचिन तेंदुलकर ने 179 गेंद पर 100 रनों की पारी खेलकर भारत की हार को चौथे दिन तक बचाए रखा। चौथे दिन भारत की दूसरी पारी 319 रनों पर धराशायी हुई और भारत को साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक पारी और 6 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन सचिन तेंदुलकर की 100 रनों की पारी यादगार पारी में शुमार हुई।
धोनी 132* (2010, कोलकाता)
साल 2010 में कोलकाता टेस्ट में भारत ने साउथ अफ्रीका को एक पारी और 57 रनों से हराया था। भारत की इस शानदार जीत में धोनी के नाबाद 132 रनों का अहम योगदान था। भले ही इस टेस्ट मैच में सचिन ने 106 रन, लक्ष्मण ने 143 रनों की नाबाद पारी खेली थी लेकिन कप्तान धोनी ने जिस तेजी के साथ 132 रनों की पारी खेली उसने मैच का पासा ड्रा से पलटकर परिणाम की तरफ ले गए।
धोनी ने भारत की पहली पारी में नाबाद 132 रनों की पारी खेलने में केवल 187 गेंद का सामना किया और अपनी पारी में 12 चौके और 3 छक्के जमाए। धोनी ने 70.58 की स्ट्राइक रेट के साथ रन बनाकर भारत को कोलकाता टेस्ट जीताने में खास भूमिका निभाई।
अजिंक्य रहाणे (127 और नाबाद 100 रन, दिल्ली 2015)
साल 2015 के दिल्ली टेस्ट मैच की दोनों पारियों में अजिंक्य रहाणे ने शतक जमाकर भारत को जीत दिलाने में खास भूमिका निभाई। दरअसल दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में खेला गया यह मैच बेहद ही मुश्किल भरी पिच पर खेला गया था। इस मैच में भारत ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी की।
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने रहाणे के 127 रनों की बदौलत 334 रन बनाए। वहीं दूसरी ओर साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज मुश्किल पिच पर रन बनानें में नाकाम रही। खासकर रविंद्र जडेजा ने अपनी गेंदबाजी का जो तिलस्म साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों के खिलाफ गढ़ा उसने बल्लेबाजों को परेशान किया। साउथ अफ्रीकी टीम पहली पारी में केवल 121 रनों पर आउट हुई। जडेजा ने केवल 12 ओवर की गेंदबाजी के दौरान 5 विकेट चटके। रविंद्र जडेजा की गेंदबाजी ने साबित कर दिया कि बल्लेबाजी इस पिच पर काफी मुश्किल है।
वहीं दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने सोच समझ कर बल्लेबाजी की। रहाणे ने फिर दूसरी पारी में नाबाद 100 रन बनाए और भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका पर बड़ी बढ़त बनानें में अहम भूमिका निभाई। रहाणे के अलावा कोहली ने 88 रनों की पारी खेली। दोनों की पारी के दम पर भारत ने दूसरी पारी में 5 विकेट पर 264 रनों पर पारी घोषित की। ऐसे में साउथ अफ्रीका के सामने अब 481 रनों का टारगेट था। यहां साउथ अफ्रीकी दूसरी पारी 143 रनों पर आउट हुई और भारत को 337 रनों से जीत मिली। रहाणे को उनके शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया।
मोहम्मद अजहरुद्दीन, 163* (1996, कानपुर)
साल 1996 में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ कानपुर टेस्ट में नाबाद 163 रनों की पारी खेली। मोहम्मद अजहरुद्दीन ने भारत की दूसरी पारी में केवल 229 गेंद पर नाबाद 163 रनों की पारी खेलकर भारत को 280 रनों से जीत दिलाने में खास भूमिका निभाई थी। इस टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर कप्तान थे। मोहम्मद अजहरुद्दीन की यह पारी आज भी क्रिकेट फैन्स नहीं भूले हैं।
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने जिस तरह से अपनी पारी के दौरान 25 चौके जमाए उसने विरोधी गेंदबाजों को काफी परेशान किया। मोहम्मद अजहरुद्दीन की यह पारी काफी यादगार रही थी। इस टेस्ट मैच में मोहम्मद अजहरुद्दीन को उनके आक्रमक शतकीय पारी के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया था।
वीरेंद्र सहवाग, 319 (2008 चेन्नई टेस्ट)
साल 2008 के साउथ अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई टेस्ट मैच में सहवाग ने तिहरा शतक जमाकर इतिहास रचा था। सहवाग ने चेन्नई टेस्ट मैच में केवल 278 गेंद का सामना करते हुए तिहरा शतक जमाया था। यह तिहरा शतक सहवाग के टेस्ट करियर का दूसरा तिहरा शतक था। इस टेस्ट मैच में सहवाग ने 304 गेंद का सामना किया और 319 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सहवाग के द्वारा जमाया गया यह तिहरा शतक सबसे तेज तिहरा शतक जमाने का रिकॉर्ड है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस टेस्ट मैच के तीसरे दिन सहवाग ने अकेले 257 रन बना डाले थे, जो साल 1954 के बाद एक दिन में किसी भी बल्लेबाज के द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन थे। बता दें कि साल 1954 में डेनिस कॉम्पटन ने पाकिस्तान के खिलाफ नॉटिंघम टेस्ट मैच के दौरान एक दिन में अकेले 273 रन बना डाले थे।
सहवाग की आतिशी तिहरा शतक के दम पर भारत और साउथ अफ्रीका के बीच यह टेस्ट मैच ड्रा पर खत्म हुआ था लेकिन आज भी वीरेंद्र सहवाग की इस तूफानी पारी की बात की जाती है।