'मुझे जितने पंच मारने हैं मार लो, उसके बाद फिर मैं अपने पंच दिखाऊंगा', कुछ ऐसी है आखिरी टेस्ट की कहानी पुजारा की ज़ुबानी
ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं की धरती पर धूल चटाकर भारतीय टीम ने जो इतिहास रचा है, उस इतिहास के नायक रहे चेतेश्वर पुजारा ने ब्रिसबेन टेस्ट के आखिरी दिन जो कुछ बर्दाश्त किया, अगर कोई और होता तो शायद हार मान जाता लेकिन पुजारा ने हार नहीं मानी और टीम इंडिया को जीत तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
भारत लौटने के बाद पुजारा ने अब उस आखिरी दिन की पूरी कहानी अपनी ज़ुबानी बयां की है। पुजारा ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले ये खुलासा किया है कि वो विरोधी गेंदबाजों के खिलाफ किस प्लानिंग के साथ मैदान पर उतरते हैं।
पुजारा ने कहा, ‘अगर मैं एक मुक्केबाज होता, तो मैं देखना चाहता कि कोई दूसरा खिलाड़ी मुझे कितने पंच मार सकता है। एक बार जब वह अपने पंच मारकर खत्म हो जाता है, तब मैं अपने पंच शुरू करता हूं। यह मेरा गेम प्लान है। जब तक आप मुझे पंच कर सकते हैं, कीजिए, लेकिन जब आपके पंच। खत्म हो जाएंगे उसके बाद फिर मैं अपने पंच दिखाऊंगा। मैंने इसी तरह की योजना बनाई थी।’
आपको बता दें कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं की सरज़मीं पर लगातार दो बार धूल चटाने वाली इकलौती टीम बन गई है। 2020-21 दौरे से पहले टीम इंडिया ने विराट कोहली की कप्तानी में 2018-19 के दौरे पर भी टेस्ट सीरीज पर 2-1 से कब्जाा जमाया था। उस दौरे पर भी पुजारा ने भारत की जीत में महत्वपूर्ण भुमिका निभाई थी।