धोनी की धीमी बल्लेबाजी की आलोचना पर भड़के कप्तान कोहली, ऐसे किया अपने महान खिलाड़ी का बचाव

Updated: Fri, Jun 28 2019 19:24 IST
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28 जून। एक अच्छा कप्तान वही होता है, जो हर स्थिति में अपने खिलाड़ियों के साथ खड़ा होता है। विराट कोहली, उसी जमात में खड़े दिखाई देते हैं। कोहली ने हमेशा अपने खिलाड़ियों का बचाव किया है। चाहें वह महेंद्र सिंह धोनी हों या फिर हार्दिक पांड्या, कोहली ने हमेशा आगे आकर अपने साथियों के हितों की रक्षा की है। 

अफगास्तिान के साथ हुए कठिन मैच में धोनी ने 52 गेंदों पर मुश्किल से 28 रन बनाए थे। उनकी धीमी बल्लेबाजी की सचिन तेंदुलकर तक ने आलोचना की थी लेकिन कप्तान अपने इस अनुभवी साथी के साथ खड़े दिखे। धोनी ने जब वेस्टइंडीज के खिलाफ जब 62 गेंदों पर नाबाद 56 रन बनाए तो कोहली ने उनकी इस पारी और टीम में बतौर सीनियर उनकी 'भीष्म' जैसी भूमिका की सबको याद दिलाई।

यह वह मैच था, जब भारत को अधिक से अधिक रनों की जरूरत थी। विकेट पर जीवनदान पाकर टिके धोनी के सामने टीम को सम्मानजनक योग देने की चुनौती थी, जिसे उन्होंने बखूबी स्वीकार किया और ओसाने थॉमस द्वारा फेंके गए अंतिम ओवर में दो छक्कों और एक चौके की मदद से 16 रन जुटाकर भारत को 268 रनों तक पहुंचाया।

भारत ने यह मैच 125 रनों से जीता। इसमें गेंदबाजों की अधिक अहम भूमिका रही लेकिन कप्तान के मुताबिक धोनी ने जो किया, वह वही कर सकते थे। कप्तान से जब इस मैच और टूर्नामेंट में धोनी की भूमिका के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "धोनी के पास अपार अनुभव है। विकेट पर वह जो चाहते हैं, करते हैं। उन्होंने भारतीय पारी के बाद साफ कर दिया था कि इस विकेट पर 268 जीत हासिल करने के लिए एक अच्छा स्कोर है। हुआ भी वही। हमारे गेंदबाजों ने 143 रनों पर ही वेस्टइंडीज का पुलिंदा बांध दिया।"

कप्तान ने भी इस मैच में 72 रनों की अहम पारी खेली और मैन ऑफ द मैच चुने गए लेकिन उनके मुताबिक धोनी की पारी और हार्दिक पांड्या (46) के साथ उनकी साझेदारी इस मैच का टर्निग प्वाइंट साबित हुई। कोहली ने कहा, "हमारे पास कुछ ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो हालात के मुताबिक खेल सकते हैं। धोनी उन्हीं में से एक हैं। वह जो चाहते हैं, करते हैं। वह एक लेजेंड हैं और आशा है कि वह इसी तरह मैदान पर जलवा दिखाते रहेंगे।"

कप्तान ने उन लोगों को भी आड़े हाथों लेने की कोशिश की, जिन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ खेली गई धोनी की धीमी पारी को लेकर उनकी आलोचना की थी। कोहली ने कहा कि हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव आता है। धोनी इससे अलग नहीं हैं लेकिन उनके साथ जब भी ऐसा होता है, लोग बातें करने लगते हैं, जो गलत है।

कप्तान ने कहा, "धोनी हमारे मार्गदर्शक हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ उनकी पारी काफी अहम थी। वह भी एक खिलाड़ी हैं और उनके जीवन में भी उतार-चढ़ाव आता है। ऐसे में हमें उनका साथ देना चाहिए, जबकि लोग उनकी आलोचना करने लगते हैं। मैदान पर उनकी मौजूदगी ही हमारे लिए प्रेरणा का श्रोत होता है। यही कारण है कि हम हमेशा उनके साथ खड़े होते हैं।"

विश्व कप से पहले भी कई मौकों पर धोनी के फार्म और टीम में उनकी उपयोगिता पर सवाल खड़े किए गए और साथ ही उनके संन्यास को लेकर अटकलें लगाई गईं लेकिन कोहली ने हर मौके पर आगे आकर अपने इस पूर्व कप्तान का साथ दिया। धोनी आज की कोहली के लिए 'भीष्म पितामह' हैं। 

कोहली जब भी मुश्किल में होते हैं, धोनी का रुख करते हैं। कोहली के लिए धोनी के पास हर मर्ज की दवा है और धोनी ने कई मौकों पर इसे सच साबित किया है। एक खिलाड़ी और कप्तान के तौर पर धोनी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं। दो विश्व कप जीतने वाला यह कप्तान अगर खराब दौर से भी गुजर रहा होगा तो वह किसी अच्छे खिलाड़ी से बेहतर ही होगा, यह क्रिकेट के जानकार भी मानते हैं।

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