अत्यधिक क्रिकेट के कारण खत्म हो रही है तेज गेंदबाजी की कला : माइकल होल्डिंग

Updated: Thu, Apr 16 2015 07:15 IST

शंघाई/नई दिल्ली,15 अप्रैल (CRICKETNMORE) । वेस्टइंडीज के महान गेंदबाज माइकल होल्डिंग का मानना है कि अत्यधिक क्रिकेट के कारण विश्व क्रिकेट में तेज गेंदबाजी की कला खत्म होती जा रही है। यहां लारेस विश्व खेल पुरस्कार समारोह में भाग लेने आये होल्डिंग ने कहा, ''मैं भारतीय तेज गेंदबाजों खासकर मोहित शर्मा और मोहम्मद शमी से काफी प्रभावित हूं। मैं उनके प्रदर्शन से हैरान हूं। भारत में पिचों में बदलाव से तेज गेंदबाजों को मदद मिली है। अब वहां बेहतर उछालभरी पिचें हैं जिससे उसके बल्लेबाज भी बाउंसर बखूबी खेल रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ''पिछले अक्तूबर में मैंने भारत का दौरा किया और वहां की उछालभरी स्पोर्टिंग पिचें देखकर हैरान रह गया। 1983 में ऐसी पिचों के लिये मैं तरसता रह गया।’’ होल्डिंग ने कहा कि अत्यधिक क्रिकेट के कारण तेज गेंदबाजी खत्म हो रही है। उन्होंने कहा, ''विश्व कप में आखिरी दस ओवरों में कोई गेंदबाज नहीं टिक सकता था चूंकि छोटे मैदान, बड़े बल्ले और फील्डिंग पाबंदियां थीं। इतना ज्यादा क्रिकेट आजकल खेला जा रहा है कि तेज गेंदबाज खत्म हो रहे हैं। फिटनेस, रफ्तार और हुनर बनाये रखना मुश्किल है।’’ विश्व कप में भारत के प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा, ''लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमें घाटे में रही। भारत के सामने इतना बड़ा लक्ष्य था कि कोई मौका ही नहीं था। भारत यदि पहले बल्लेबाजी करता तो 300 से ज्यादा रन बना सकता था।

होल्डिंग ने कहा कि विश्व कप उन्हें उबाउ और निराशाजनक लगा। उन्होंने कहा, ''विश्व कप में काफी एकतरफा मैच थे। कई टीमों ने पहले बल्लेबाजी करने के बाद दूसरी टीम के पूरे विकेट ले लिये। लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमें प्रतिस्पर्धी नहीं रही। मुझे यह काफी उबाउ लगा। कई बार दूसरी पारियों के दौरान मैं सो ही गया।’’

उन्होंने कहा, ''विश्व कप छोटा होना चाहिये था जिसके मायने यह नहीं है कि टीमें कम हो।’’ अगले विश्व कप के प्रारूप के बारे में उन्होंने कहा, ''यदि आईसीसी के पास टूर्नामेंट के 10 महीने पहले 10 टीमें हैं तो उसे शीर्ष छह को मुख्य ड्रा में रखना चाहिये जबकि बाकी चार को प्लेआफ खेलना चाहिये। मैं नहीं चाहता कि टेस्ट टीमें स्वत: क्वालीफाई कर लें।’’ होल्डिंग ने बताया कि दो बार भारत के कोच रहे अंशुमान गायकवाड़ ने बड़ौदा क्रिकेट टीम के लिये उन्हें कुछ समय के लिये गेंदबाजी कोच बनने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा, ''गायकवाड़ ने मुझसे बड़ौदा का गेंदबाजी कोच बनने को कहा था। मैंने हामी भी भरी थी लेकिन कुछ कारणों से यह हो नहीं सका।’’

एजेंसी

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