इंग्लैंड क्रिकेट में छाया मातम, 20 हज़ार रन बनाने वाले दिग्गज की हुई मौत
इंग्लैंड क्रिकेट में फिलहाल शोक की लहर छाई हुई है क्योंकि उनके पूर्व ओपनर और क्रिकेट प्रशासक ह्यू मॉरिस का 62 वर्ष की उम्र में कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया है। क्रिकेट जगत में उन्हें एक बेहतरीन खिलाड़ी और दूरदर्शी प्रशासक के रूप में हमेशा याद किया जाता है। उनका योगदान न सिर्फ मैदान पर रहा, बल्कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट को मजबूत बनाने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही।
1963 में कार्डिफ में जन्मे ह्यू मॉरिस का जुड़ाव बचपन से ही वेल्श और ग्लैमरगन क्रिकेट से रहा। साल 2021 में उन्हें आंत के कैंसर का पता चला था, जो बाद में लिवर तक फैल गया। बीमारी के बावजूद वो लंबे समय तक क्रिकेट से जुड़े रहे और अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहे। सितंबर 2023 में उन्होंने ग्लैमरगन के मुख्य कार्यकारी पद से इस्तीफा दिया, ताकि इलाज और परिवार को समय दे सकें।
मॉरिस ने मात्र 17 साल की उम्र में ग्लैमरगन के लिए फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया। उस समय वो ब्लंडेल स्कूल, डेवोन में पढ़ाई कर रहे थे और अपनी बल्लेबाज़ी से पहले ही पहचान बना चुके थे। उन्होंने ग्लैमरगन के लिए 17 सीज़न तक क्रिकेट खेला और 40 से अधिक की औसत से लगभग 20,000 फर्स्ट-क्लास रन बनाए। उनके नाम 52 फर्स्ट-क्लास शतक दर्ज हैं, जो क्लब का एक बड़ा रिकॉर्ड रहा।
उन्होंने दो बार ग्लैमरगन की कप्तानी की और 1993 में टीम को संडे लीग का खिताब दिलाया, जो 24 साल में क्लब की पहली बड़ी ट्रॉफी थी। 1997 में ग्लैमरगन ने काउंटी चैंपियनशिप जीती, जिसमें मॉरिस ने अहम भूमिका निभाई। उसी सीज़न में उन्होंने निर्णायक मैच में शतक लगाया और बाद में क्रिकेट से संन्यास ले लिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मॉरिस ने 1991 में इंग्लैंड के लिए तीन टेस्ट मैच खेले। इसके अलावा उन्होंने इंग्लैंड ए और यंग इंग्लैंड टीम की कप्तानी भी की और विदेशी दौरों पर टीम का नेतृत्व किया।
Also Read: LIVE Cricket Score
संन्यास के बाद उन्होंने क्रिकेट प्रशासन का रास्ता चुना। वो 16 साल तक इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) से जुड़े रहे और 2007 में इसके मुख्य कार्यकारी बने। उनके कार्यकाल में इंग्लैंड ने लगातार तीन एशेज सीरीज़ जीती और 2010 का टी-20 वर्ल्ड कप भी अपने नाम किया। 2013 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया। बाद में वो ग्लैमरगन के सीईओ के रूप में लौटे और क्लब को आर्थिक संकट से बाहर निकालकर फिर से मजबूत स्थिति में पहुंचाया। वेल्श क्रिकेट के विकास में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 2022 में MBE से सम्मानित किया गया और 2024 में वेल्श स्पोर्ट्स हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। ऐसे में ह्यू मॉरिस का जाना क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।