14 साल बाद गैरी कर्स्टन का सनसनीखेज खुलासा, 2011 वर्ल्ड कप में पक्की नहीं थी युवराज सिंह की जगह!
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच गैरी कर्स्टन ने 14 साल बाद एक सनसनीखेज खुलासा किया है जिसे जानने के बाद भारतीय फैंस हैरान हैं। कर्स्टन ने कहा है कि युवराज सिंह 2011 वर्ल्ड कप टीम में ऑटोमैटिक सेलेक्शन नहीं थे। हाल ही में एक खुलासे में, कर्स्टन ने स्वीकार किया कि युवराज का चयन आंतरिक बहस का विषय रहा था और इस बात पर संदेह था कि उन्हें टीम में शामिल किया जाना चाहिए या नहीं।
हालांकि, कर्स्टन और कप्तान एमएस धोनी, दोनों ने इस आक्रामक बाएं हाथ के खिलाड़ी का समर्थन किया और अंत में ये फैसला भारतीय क्रिकेट के सबसे बेहतरीन फैसलों में से एक बन गया। भारत ने 2011 का वर्ल्ड कप जीतकर 28 साल का खिताबी सूखा समाप्त किया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में भारत ने श्रीलंका को छह विकेट से हराया और टूर्नामेंट के पहले मैच से लेकर फाइनल तक युवराज सिंह ने उस सफलता की पटकथा में अहम भूमिका निभाई। युवराज को उनके शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन (362 रन बनाने और 15 विकेट लेने) के लिए प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया।
Rediff.com के साथ बातचीत में, कर्स्टन ने कहा, "मुझे युवराज हमेशा से बहुत पसंद थे। वो कभी-कभी मुझे बहुत निराश कर देते थे, लेकिन मैं उनसे प्यार करता था। वो अच्छे खिलाड़ी थे। मैं बस यही चाहता था कि वो हर समय रन बनाते रहें क्योंकि उन्हें बल्लेबाजी करते देखना अद्भुत था। उन्हें एक सफ़र तय करना था और इसका श्रेय पैडी को जाता है। पैडी ने उन्हें तैयार करने के लिए युवी के साथ बहुत काम किया। युवी ने खुद वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए कुछ अहम फैसले लिए।"
टूर्नामेंट में युवराज के प्रदर्शन शानदार रहे। उन्होंने आठ पारियों में बल्लेबाजी की और 90.50 की औसत से 362 रन बनाए, जिसमें एक शतक और चार अर्द्धशतक शामिल हैं। उनका एक बेहतरीन प्रदर्शन चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ रहा, जहां उन्होंने 123 गेंदों पर 113 रन बनाए। उन्होंने इंग्लैंड, आयरलैंड, नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी महत्वपूर्ण पारियां खेलीं।
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अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में, युवराज की नाबाद 57 रनों की पारी की बदौलत भारत ने गत चैंपियन को हराकर बाहर का रास्ता दिखाया। गेंदबाजी में भी वो उतने ही प्रभावशाली रहे और उनकी बाएं हाथ की स्पिन ने 25.13 की औसत से 15 विकेट लिए। उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ 31 रन देकर 5 विकेट लिए और तीनों नॉकआउट मैचों में दो-दो विकेट लिए। अपने पूरे करियर में, युवराज ने भारत के लिए 304 वनडे मैच खेले, जिसमें 14 शतकों और 52 अर्द्धशतकों के साथ 8,701 रन बनाए।