'पूरी तरह से टूट गए थे ग्लेन मैक्सवेल', अभी भी नहीं छोड़ी है टेस्ट खेलने की आस

Updated: Fri, Aug 05 2022 10:29 IST
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ग्लेन मैक्सवेल ने 2012 में ऑस्ट्रेलिया के लिए सीमित ओवरों के क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था और उसके बाद से ही वो इस टीम का अभिन्न हिस्सा बन गए। मैक्सवेल ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की दो वर्ल्ड कप जितवाने में अहम किरदार निभाया। 2015 में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में टी20 वर्ल्ड कप 2021 में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।

सफेद बॉल की क्रिकेट में मैक्सवेल का कोई तोड़ नहीं है लेकिन जब बात आती है लाल गेंद यानि टेस्ट क्रिकेट की तो वो अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए और आज भी वो ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम से बाहर हैं। हालांकि, मैक्सवेल ने आज भी हार नहीं मानी है और वो टेस्ट खेलने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। इस ऑलराउंडर ने आगे आकर कहा है कि वो अपने रेड-बॉल करियर को पुनर्जीवित करना चाहता है और उनका लक्ष्य अगले साल की शुरुआत में भारत में चार मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलना है।

श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मौका ना दिए जाने से मैक्सवेल काफी निराश थे और वो टूटा हुआ महसूस कर रहे थे। अपना दर्द बयां करते हुए मैक्सवेल ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा, "जब मुझे बताया गया तो मैं टूट गया था। ऐसा नहीं था कि मुझे लगा कि उन्होंने गलत कॉल किया है, मैं काफी निराश था। मैं वास्तव में खेलना चाहता था। मुझे टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा बनना पसंद है और मैं फिर से खेलना चाहता हूं।”

आगे बोलते हुए इस ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ने कहा, "पिछले साल मेरा जंक्शन ओवल में एक प्री-सीजन था, जहां हम एक ही पिच का इस्तेमाल करते थे, शायद लगातार चार या पांच नेट सेशन और पांचवें नेट सेशन तक वो भारत में थे।" आपको बता दें कि मैक्सवेल उस ऑस्ट्रेलिया टीम का हिस्सा थे जिसने 2016/17 सीज़न में टेस्ट सीरीज़ के लिए भारत का दौरा किया था। उन्होंने रांची में तीसरे गेम में शानदार 104 रन बनाए थे और उनकी इस पारी के चलते चार मैचों की सीरीज 1-1 से जीवित थी।

2013 में अपने पदार्पण के बाद से ऑस्ट्रेलिया के लिए मैक्सवेल ने केवल सात टेस्ट खेले हैं और 26.08 के औसत से सिर्फ 339 रन बनाए हैं और 4.43 की इकॉनमी से उनके नाम आठ विकेट भी हैं। मैक्सवेल सितंबर 2017 के बाद से ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट प्लान का हिस्सा नहीं दिखे हैं।

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