'हम ऑस्ट्रेलिया में पत्नियों और गर्लफ्रेंड की वजह से नहीं हारे', हरभजन ने उठाए BCCI की नई गाइडलाइन पर सवाल
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में खिलाड़ियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इस 10 सूत्रीय गाइडलाइन पर अलग-अलग दिग्गजों और क्रिकेट पंडितों की अलग राय है। वहीं, पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) द्वारा जारी की गई 10-सूत्रीय गाइडलाइन पर सवाल उठाए हैं।
हरभजन ने कहा कि जिन नीतियों को नया बताकर लागू किया जा रहा है, वो उनके खेलने के दिनों से ही लागू हैं। बीसीसीआई द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों में अनिवार्य घरेलू क्रिकेट भागीदारी, परिवार की यात्रा, निजी स्टाफ, एक सीरीज के दौरान वाणिज्यिक विज्ञापन और सामान भत्ते पर प्रतिबंध शामिल हैं। इसके साथ ही भज्जी ने परिवार की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने पर भी बीसीसीआई को आड़े हाथों लिया और कहा कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पत्नियों और गर्लफ्रेंड को साथ ले जाने की वजह से भारतीय टीम नहीं हारी।
हरभजन ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “जब मैं मीडिया द्वारा बताई गई यात्रा नीति के दस्तावेज़ को पढ़ रहा था, तो मुझे पिछली बार जब मैंने केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटर के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, तब से शायद ही कुछ नया मिला हो। परिवार के साथ मिलने की अवधि, एक ही होटल में ठहरना, अभ्यास का समय समेत 10 में से कम से कम नौ बिंदु एक जैसे हैं। मेरा सवाल ये है कि अगर ये नियम मेरे समय में थे, तो किसने और कब इसमें बदलाव किया? इसकी जांच होनी चाहिए।"
पूर्व स्पिनर ने परिवार के साथ मिलने या व्यक्तिगत व्यवस्था करने के नियम को भारत की हार का कारण नहीं बताया। अपने खेल के दिनों को याद करते हुए हरभजन ने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और अनिल कुंबले जैसे खिलाड़ियों के अनुशासन पर बात की। उन्होंने कहा, "हम मुख्य मुद्दे से भटक रहे हैं। हम 1-3 से इसलिए नहीं हारे क्योंकि पत्नियां और साथी दो महीने तक वहां थे। हम इसलिए नहीं हारे क्योंकि कोई अलग से यात्रा कर रहा था। हम इसलिए हारे क्योंकि हमने कई बार बहुत खराब क्रिकेट खेला है। हमने घर पर भी अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। हमारे पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो बहुत खराब फॉर्म में हैं। क्या सुधार किए जा रहे हैं? या क्या ये सिर्फ मैदान के बाहर की बातों पर चर्चा हो रही है?"
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अपनी बात खत्म करते हुए भज्जी ने कहा, "मुझे लगता है कि कुछ बिंदुओं पर फिर से विचार करने की जरूरत है क्योंकि उनका उल्लंघन किया जा रहा था। हमारे समय की तरह, मैंने कभी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ या अनिल कुंबले को मुंबई, कोलकाता या बेंगलुरु के लिए सिर्फ इसलिए निकलते नहीं देखा क्योंकि मैच तीन दिन में खत्म हो गया है और अगला मैच एक हफ्ते बाद है। वो सभी रुक गए और अगले गंतव्य के लिए यात्रा की।’’