'मैं 100 टेस्ट मैच खेलना चाहता हूं', अजिंक्य रहाणे ने खोला अपना दिल

Updated: Tue, Jan 16 2024 15:29 IST
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किसी समय अजिंक्य रहाणे भारतीय टेस्ट टीम के स्थायी सदस्य थे लेकिन फिलहाल ऐसा लगता है कि सेलेक्टर्स रहाणे से काफी आगे बढ़ गए हैं। रहाणे को श्रेयस अय्यर और केएल राहुल के चयन के लिए उपलब्ध नहीं होने के कारण, 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के लिए बुलाया गया था। उस फाइनल में उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की जिसके चलते उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए उप-कप्तान बनाया गया।

हालांकि, राहुल और अय्यर की वापसी के बाद रहाणे को साउथ अफ्रीका दौरे से बाहर कर दिया गया था। फिलहाल रहाणे टेस्ट टीम में दूर-दूर तक नहीं हैं लेकिन वो अभी भी हार मानने को तैयार नहीं हैं। अनुभवी बल्लेबाज ने अपने लक्ष्य के बारे में खुलकर बात की और कहा कि वो देश के लिए 100 टेस्ट मैच खेलना चाहते हैं।

रहाणे ने अब तक 85 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, जिसमें 38.46 की औसत से 5077 रन बनाए हैं। उन्होंने मौजूदा सीज़न में रणजी ट्रॉफी जीतने के अपने लक्ष्य के बारे में भी बात की। रहाणे ने हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से कहा, “मैं एक समय में एक गेम में मुंबई के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहा हूं। लक्ष्य रणजी ट्रॉफी जीतना है और बड़ा लक्ष्य 100 टेस्ट मैच खेलना है।”

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के लिए आशावान रहाणे ने कहा कि आपकी मानसिकता सही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर क्रिकेटर में कमोबेश एक जैसे गुण होते हैं लेकिन टीम प्रबंधन अच्छी मानसिकता पर ध्यान देता है। उन्होंने आगे बताया कि एक क्रिकेटर असफलता से कैसे निपटता है, यह भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मायने रखता है। रहाणे ने कहा, “ये सब मानसिकता के बारे में है। आपका खेल अचानक नहीं बदलता। अंत में, बल्लेबाज को गेंद को देखना होगा और खेलना होगा। लेकिन ये मानसिकता के बारे में है जब आप वहां होते हैं, आप क्या सोच रहे हैं। वो प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग होता है। आप कैसे तैयारी करते हैं, आप किस प्रक्रिया का पालन करते हैं। ये सभी छोटी-छोटी चीजें मायने रखती हैं। आप सिर्फ बल्लेबाजी और गेंदबाजी के बारे में नहीं सोच सकते। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपकी मानसिकता सही होनी चाहिए। आप मानसिक रूप से कितने मजबूत हैं ये भी महत्वपूर्ण है। आप गति को कैसे संभालते हैं, आप विफलता को कैसे संभालते हैं। ये सभी चीजें मायने रखती हैं।”

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