फिर से क्रिकेट के मैदान पर दिखना चाहता है संन्यास ले चुका यह दिग्गज खिलाड़ी
ढाका, 11 अप्रैल। हाल ही में श्रीलंका दौरे पर के बाद टी-20 प्रारूप से संन्यास की घोषणा करने वाले बांग्लादेश की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान मशरफे मुर्तजा ने कहा है कि वह अभी कुछ दिनों के लिए वनडे क्रिकेट खेलना चाहेंगे। मुर्तजा ने वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो को दिए साक्षात्कार में कहा है कि वह एकदिवसीय क्रिकेट का इस समय लुत्फ उठा रहे हैं।
मुर्तजा ने कहा, "मैं वनडे क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा हूं। मेरा मानना है कि हम टेस्ट और टी-20 में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। हम वनडे आईसीसी टीम रैंकिंग में 10 से सात स्थान पर आ गए हैं। मैं अभी अच्छे खासे समय तक वनडे खेलता रहूंगा, लेकिन इसके लिए समय तय करना मुश्किल होगा, खासकर बांग्लादेश में। मैं खेलता रहूंगा, लेकिन अगर मेरा प्रदर्शन खराब रहा और मेरे ऊपर दबाव बनाया गया तो मुझे फैसला लेना होगा।"
PHOTOS: क्रिकेटर दिनेश कार्तिक की हॉट वाइफ दीपिका की खूबसूरती से दंग रह जाएंगे आप
वेस्टइंडीज के दिग्गज तेज गेंदबाज कर्टनी वॉल्श इस समय बांग्लादेश के गेंदबाजी कोच हैं। मुर्तजा का मानना है कि वॉल्श के रहने से ड्रेसिंग रूम में काफी अंतर आया है।
उन्होंने कहा, "मैंने अपनी तकनीक में बहुत बदलाव किया है। कई बार ऐसा भी हुआ है कि मेरा आत्मविश्वास नीचे चला गया था, लेकिन मुझे ऐसे बदलाव की जरूरत नहीं पड़ी। वॉल्श के आने से मुझे मदद मिली है और अब मैं नई गेंद से भी गेंदबाजी करने लगा हूं।"
उन्होंने कहा, "उनका गेंदबाजी का अपना अलग अंदाज है। वह महान खिलाड़ी हैं इसलिए आप जब उनसे आम तौर पर भी बात करते हैं तो वो आपको ऐसा कुछ बता देंगे जिसका असर बहुत गहरा होगा। यह आपको दूसरे स्तर पर ले जाएगा। मैं उनसे कई सवाल करता रहता हूं।"
PHOTOS: क्रिकेटर दिनेश कार्तिक की हॉट वाइफ दीपिका की खूबसूरती से दंग रह जाएंगे आप
मुर्तजा से जब वर्तमान समय में आक्रामक सलामी बल्लेबाजों के सामने गेंदबाजी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "मैं नहीं समझता की आज उतने खतरनाक सलामी बल्लेबाज हैं, जितने उस समय हुआ करते थे जब मैंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट शुरू की थी। हर किसी के पास महान बल्लेबाज थे। भारत के पास गौतम गंभीर-वीरेंद्र सहवाग थे। आस्ट्रेलिया के पास मैथ्यू हेडन-एडम गिलक्रिस्ट। श्रीलंका के पास सनथ जयसूर्या और दक्षिण अफ्रीका के पास हर्शल गिब्स जैसे खिलाड़ी थे। आज के दौर के सलामी बल्लेबाज तकनीकि तौर पर उतने अच्छे नहीं हैं, जितने उस समय थे।"