आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप-2019, देखें किस टीम में है कितना दम ! 

Updated: Tue, May 28 2019 11:41 IST
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वनडे क्रिकेट का महाकुम्भ आईसीसी वर्ल्ड कप को शुरू होने में सिर्फ 2 दिन का समय रह गया है। इसमें भाग लेने वाली सभी 10 टीमों ने इसके लिए कमर कस ली है। इस साल भारत तथा मेजबान इंग्लैंड को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। भारत तीसरी बार और इंग्लैंड पहली बार यह प्रतिष्ठित खिताब हासिल करने की कोशिश करेगा। 

इंग्लैंड और वेल्स की संयुक्त मेजबानी में इसी साल 30 मई से 14 जुलाई तक होने वाले आईसीसी वर्ल्ड कप में 10 टीमें भाग ले रही हैं। इनमें मौजूदा चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया (1987, 1999, 2003, 2007 और 2015 का विजेता), भारत (1983 और 2011 का विजेता), वेस्टइंडीज (1975 व 1979 का विजेता), पाकिस्तान (1992 का विजेता), श्रीलंका (1996 का विजेता), अफगानिस्तान, बांग्लादेश, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका शामिल हैं। 

क्रिकेट की इस सबसे बड़ी प्रतियोगिता को शुरू होने में 100 दिन से भी कम का समय बचा है और विभिन्न देशों के दिग्गजों ने अपनी-अपनी टीम को इसका प्रबल दावेदार बताना भी शुरू कर दिया है, लेकिन यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि वर्ल्ड कप-2019 के लिए इस बार किस टीम में कितना दम है। 

नजर डालते हैं इस साल वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने वाली टीमों पर : 

भारत : (दो बार की चैम्पियन)

वर्ष 1983 और 2011 के वर्ल्ड चैम्पियन भारत को इस बार हर कोई खिताब का प्रबल दावेदार मान रहा है। आक्रामक कप्तान विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने 2018 में एशिया कप जीतने के अलावा साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज के खिलाफ भी सीरीज जीती है। टीम ने हाल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को उसके घर में ही वनडे सीरीज में मात देकर बता दिया है कि वह सिर्फ कागजों पर ही नहीं बल्कि मैदान में भी खिताब की दावेदार हैं। 

क्रिकेट के तीनों विभागों (बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग) में टीम का संतुलित होना, उसके लिए प्लस प्वाइंट माना जा रहा है। रन मशीन कोहली, कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल टीम के गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। टीम का मध्यक्रम हालांकि उसके लिए चिंता सबब है, लेकिन हालिया सीरीज में टीम इस कमी से पार पाती दिख रही है।

इंग्लैंड : (तीन बार फाइनल)

भारत के साथ अगर किसी को वर्ल्ड कप का दावेदार माना जा रहा है तो वह मेजबान इंग्लैंड हैं। 1975 में वर्ल्ड कप के शुरू होने से लेकर अब तक इंग्लैंड ने हर बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है, लेकिन वह आज तक कभी चैम्पियन बनने के सपने को पूरा नहीं कर पाया है। 

क्रिकेट की जन्मस्थली इंग्लैंड अब तक तीन बार 1979, 1987 और 1992 में फाइनल तक जरुर पहुंचा है लेकिन तीनों बार उसे उप-विजेता के तमगे से ही संतोष करना पड़ा है। 

मेजबान होने के नाते इंग्लैंड को घरेलू परिस्थितियों का फायदा मिलेगा, इसलिए वह इस बार खिताब का प्रबल दावेदार है। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उसे इतना फायदा मिलेगा कि वह इस बार अपने खिताबी सूखे को समाप्त कर पाएगी। 

इयोन मोर्गन की कप्तानी वाली इंग्लैंड मौजूदा समय में वनडे रैंकिंग में नंबर-1 स्थान पर काबिज है। मेजबान टीम के पास जॉनी बेयरस्टो, जोए रूट, मोर्गन और विकेटकीपर जोस बटलर के रूप में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी बड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा कर सकते हैं। उसकी बड़ा लक्ष्य हासिल करने की क्षमता उसकी सबसे बड़ी ताकत है।

ऑस्ट्रेलिया : (पांच बार की चैम्पियन)

वर्ल्डकप के इतिहास की सबसे सफल टीम ऑस्ट्रेलिया के सामने मौजूदा चैम्पियन होने के नाते अपना खिताब बचाने की चुनौती है। पिछले कुछ समय से खराब प्रदर्शन के बाद ऑस्ट्रेलिया ने दमदार वापसी करते हुए भारत और पाकिस्तान को लगातार वनडे सीरीज से मात दी है। 

बीते साल बॉल टेम्परिंग मामले में स्टीवन स्मिथ और डेविड वार्नर पर एक-एक साल का प्रतिबंध झेलने के बाद लौटे हैं और इन दोनों के आने से ऑस्ट्रेलियाई टीम को बहुत मजूबती मिली है। 

वर्ष 1987, 1999, 2003, 2007 और 2015 की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया है। 

 

साउथ अफ्रीका : (चार बार सेमीफाइनल)

वर्ल्ड कप में 'चौकर्स' के नाम से मशहूर साउथ अफ्रीका के पास इस बार अपने ऊपर लगे इस दाग को धोने का समय है। वर्ष 1992, 1999, 2007 और 2015 में सेमीफाइनल तक का सफर तय करने वाली साउथ अफ्रीकी टीम अपने हरफनमौला खिलाड़ियों के दम पर सेमीफाइनल से आगे पहुंचना चाहेगी। 

अब्राहम डिविलियर्स के संन्यास लेने के बाद से अब कप्तान फॉफ डु प्लेसिस, क्विंटन डी कॉक, हाशिम अमला और डेविड मिलर जैसे अनुभवी बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी होगी। गेंदबाजी में कगिसो रबादा और लुंगी नगिदि टीम के लिए गेम चेंजर बन सकते हैं।

न्यूजीलैंड : (छह बार सेमीफाइनल)

पिछले वर्ल्ड कप में फाइनल तक पहुंचने वाली न्यूजीलैंड भी कमाल कर सकती है। छह बार सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली किवी टीम के पास रॉस टेलर, मार्टिन गुप्टिल और कप्तान केन विलियम्सन के रूप में अनुभवी बल्लेबाज मौजूद हैं। 

ब्रैंडन मैक्कलम के संन्यास लेने के बाद से विलियम्सन के नेतृत्व में टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। उसने हाल में बांग्लादेश पर 3-0 से क्लीन स्वीप भी है, लेकिन उससे पहले उसे भारत के हाथों 1-4 से सीरीज गंवानी पड़ी थी। ट्रैंट बाउल्ट, टिम साउदी और लॉकी फग्र्यूसन की तिकड़ी किवी टीम को पिछले बार के सपने को पूरा कर सकती है।

वेस्टइंडीज : (दो बार की चैम्पियन)

दो बार की वर्ल्ड विजेता वेस्टइंडीज के पास विस्फोटक बल्लेबाजों की भरमार है। लेकिन टीम के गेंदबाजी आक्रामण के पास अनुभव का अभाव है। इसके अलावा वह पिछले दो वर्ल्ड कप 2011 और 2015 में क्वार्टर फाइनल तक भी नहीं पहुंच पाई थी। टीम का हालिया प्रदर्शन भी संतोषजनक नहीं रहा है। 2017 में उसने 22 मैचों मे सिर्फ तीन और 2018 में 18 मैचों में मात्र आठ में ही जीत दर्ज करने में सफल रही थी। 

वर्ल्ड कप के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर चुके विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल अपने इस आखिरी वर्ल्ड कप को यादगार बनाना चाहेंगे। 

 

पाकिस्तान : (1 बार की विजेता)

दो साल पहले भारत को हराकर चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने वाली पाकिस्तानी टीम को लेकर कोई भी भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी। सरफराज अहमद की टीम के पास बल्लेबाजी में वह आक्रमकता नहीं है जो उसकी गेंदबाजी में नजर आती है। टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी शोएब मलिक अब तक 279 वनडे मैच खेल चुके हैं। 

37 साल के हो चुके मलिक का संभवत: यह आखिरी वर्ल्ड कप हो सकता है, जिसे वह यादगार बनाना चाहेंगे। उनके अलावा मोहम्मद आमिर, बाबर आजम ऐसे प्रमुख खिलाड़ी है जो 1992 में वर्ल्ड कप जीतने वाली पाकिस्तानी टीम को मैच जिताने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। 

श्रीलंका : (1 बार की विजेता)

वर्ष 1996 में वर्ल्ड कप जीतने वाली श्रीलंकाई टीम हाल के समय सीमित ओवरों के क्रिकेट में मुश्किल दौर से गुजर रही है। पिछले संस्करण में क्वार्टर फाइनल से बाहर होने वाली श्रीलंकाई टीम के पास दिग्गजों की कमी है। श्रीलंका की चिंता उसके पास अच्छे खिलाड़ियों की कमी है। वर्ल्ड विजेता बनने के लिए जो संयोजन और खिलाड़ी एक टीम को चाहिए होते हैं वह श्रीलंका में दिखाई नहीं देते। हालांकि क्रिकेट दिन विशेष का खेल है जो किसी भी समय पासा पलट सकता है। 

 

बांग्लादेश  

2015 के वर्ल्ड कप में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाली बांग्लादेश की टीम ने उसके बाद से अपने प्रदर्शन मंे लगातार सुधार किया है। टीम 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल तक पहुंची थी। 2018 में उसने 20 वनडे मैचों में से 13 मैच जीते हैं। 

बांग्लादेश के पास ऐसे खिलाड़ियों की फौज है जो वनडे में काफी प्रभावी साबित हो सकते हैं, लेकिन इस टीम का सबसे कमजोर पहलू उसका अति उत्साह है जिसमें आकर टीम कई बार बहुत बड़ी गलितयां कर जाती है। साथ ही प्रदर्शन में निरंतरता भी उसकी एक समस्या हो सकती है। 

अफगानिस्तान  

अफगानिस्तान की टीम दूसरी बार वर्ल्ड कप में भाग ले रही है। 2018 एशिया कप में उसने श्रीलंका और बांग्लादेश को हराया था और भारत के साथ टाई खेलकर यह बता दिया कि आगामी वर्ल्ड कप में उसे कम आंकना, अन्य टीमों के लिए बड़ी भूल हो सकती है। 

टीम की बल्लेबाजी बेशक कमजोर दिखाई दे रही हो लेकिन उसकी गेंदबाजी अन्य टीमों के लिए घातक साबित हो सकती है। लेग स्पिनर राशिद खान अफगानिस्तान के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हो सकते हैं, जिन्होंने 44 मैचों में सबसे तेज 100 विकेट लिए हैं। इस टीम की खासियत यह है कि यह छोटे से छोटे लक्ष्य का बचाव कर सकती है।
 

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