टीम इंडिया की 1947 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई पहली टेस्ट सीरीज की कहानी, हुए थे कई एतेहासिक कारनामे
India vs Australia Test Series 1947-48: भारत की एक और टीम टेस्ट सीरीज खेलने ऑस्ट्रेलिया में है। रिकॉर्ड ये है कि पहली बार 1947-48 में भारत की टीम ऑस्ट्रेलिया गई थी। इस नजरिए से ये ऐतिहासिक सीरीज थी पर इस टूर के साथ जुड़ी और भी बहुत सी ऐसी बातें हैं जो इसे कई नजरिए से यादगार टूर में बदल देती हैं। नोट कीजिए :
* ये टीम फ्लाइट से ऑस्ट्रेलिया गई थी जो उस दौर में बड़ी अनोखी बात थी। इतनी अनोखी कि ये ऐसा पहला मौका था जब कोई भी टीम सीरीज खेलने ऑस्ट्रेलिया गई फ्लाइट से।
* जो टीम वहां पहुंची उसमें 4 खिलाड़ी कम थे। असल में बिलकुल आख़िरी समय पर टीम में बदलाव हुए थे और जो नए खिलाड़ी शामिल हुए वे बाकी सभी के साथ न जा सके। इन 4 में से, चंदू सरवटे पहले वहां पहुंचे और एडिलेड में टीम में शामिल हुए। बाकी 3, राय सिंह, रणवीरसिंहजी और रंगाचारी इससे भी 6 दिन बाद टीम में शामिल हुए मेलबर्न में- तब तक टीम अपना तीसरा टूर मैच खेलने वाली थी।
* टीम सबसे पहले पर्थ पहुंची थी और पहला टूर मैच था वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध जो उस सीजन में अपना शेफ़ील्ड शील्ड डेब्यू करने वाले थे। इसलिए उनके प्रदर्शन पर हर किसी की नजर थी।
* ये स्वतंत्र भारत की पहली टीम थी- देश को कुछ दिन पहले ही आजादी मिली थी।
* साथ ही ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध भी पहली बार टेस्ट खेल रहे थे- इससे पहले, भारत ने सभी 10 टेस्ट इंग्लैंड के विरुद्ध खेले थे।
* टीम इंडिया के खेल की प्रतिष्ठा की बात करें तो लेबल ये था कि मुकाबले से हैरान तो कर सकते हैं पर जीत नहीं पाएंगे।
* इस सच्चाई से इंकार नहीं कर सकते कि देश के विभाजन और अन्य कुछ घटनाओं ने टीम पर बड़ा असर डाला था और नंबर 1 टीम ऑस्ट्रेलिया नहीं गई थी।
* जो टूर पार्टी में, देश में होने के बावजूद नहीं थे, उनमें विजय मर्चेंट, रूसी मोदी और मुश्ताक अली के नाम सबसे ख़ास थे। दूसरी तरफ कुछ खिलाड़ी, विभाजन के बाद नए बने देश पाकिस्तान चले गए। इनमें से फज़ल महमूद तो पाकिस्तान जाने के बावजूद टूर पार्टी में शामिल होने भारत आ गए थे। बहरहाल हालात ने ऐसा न होने दिया। इन सभी की अलग-अलग और मजेदार स्टोरी है।
* लाला अमरनाथ की टीम ने टेस्ट का सिलसिला शुरू होने से पहले सभी 5 स्टेट टीम (वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया, साउथ ऑस्ट्रेलिया, विक्टोरिया, न्यू साउथ वेल्स और क्वींसलैंड) के विरुद्ध मैच खेले।
* ब्रिस्बेन में. क्वींसलैंड से मैच से पहले, डोनाल्ड ब्रैडमैन की ऑस्ट्रेलिया इलेवन के विरुद्ध भी एक 4 दिन का मैच खेला। इस मैच की दो बड़ी ख़ास बातें थीं :
* बिल ब्राउन को वीनू मांकड़ ने नॉन स्ट्राइकर सिरे पर क्रीज से आगे निकलने के लिए, चेतावनी देने के बाद, रन आउट किया। बाद में जब टेस्ट में भी ऐसा ही किया तो इस तरह से आउट करने के तरीके को 'मांकडड' का ही नाम मिल गया।
* डॉन ब्रैडमैन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपना 100वां 100 बनाया।
* लाला अमरनाथ टूर मैचों में गजब की फार्म में थे और विक्टोरिया के विरुद्ध 200 भी बनाए पर इस फार्म को टेस्ट में न दिखा पाए। तब भी टूर पर 1000+ रन बनाना एक गजब का रिकॉर्ड था।
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* 5 टेस्ट की सीरीज भारत 4-0 से हार गया। ब्रैडमैन ने 178.75 की औसत से 715 रन बनाए और लिंडसे हैसेट ने भी 100 से ऊपर की औसत से रन बनाए। भारत के लिए, विजय हजारे ने 429 रन बनाए- सिर्फ ब्रैडमैन ने इससे ज्यादा रन बनाए। वीनू मांकड़ ने दो 100 के साथ 306 रन बनाए और नंबर 2 थे।