तेज गेंदबाजों को घरेलू प्रतियोगिताओं में खेलने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए : धोनी

Updated: Sat, Mar 28 2015 07:01 IST

नई दिल्ली, 28 मार्च (CRICKETNMORE) । भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मानना है कि उमेश यादव, मोहम्मद शमी और मोहित शर्मा की तिकड़ी को घरेलू प्रतियोगिताओं में खेलने के लिए बाध्य नहीं करना चाहिए, जिससे कि यह सुनिश्चित हो सके कि वे थके नहीं। भारतीय गेंदबाजों ने विरोधी टीमों के जो 72 विकेट चटकाए, उसमें से 48 यादव (18 विकेट), शमी (17 विकेट) और मोहित (13 विकेट) ने हासिल किए। इन तीनों ने अपनी गति, उछाल और नियंत्रण से सभी को हैरान किया। ये तीनों गेंदबाज सिर्फ गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में ही अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए, जिसमें टीम को 95 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा।

धोनी का मानना है कि बीसीसीआई को इन मुख्य गेंदबाजों का सतर्कता के साथ निखारना चाहिए और संबंधित राज्यों संघों को इन पर रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए। जब यह पूछा गया कि कैसे मौजूदा खिलाड़ियों को निखारा और बचाया जा सकता है, धोनी ने कहा, पिछले कुछ समय से हमारे ढांचे में यह समस्या है। तेज गेंदबाज के अंतरराष्ट्रीय दौरा पूरा करके लौटने पर स्थानीय राज्य संघ उसे घरेलू क्रिकेट में गेंदबाजी के लिए कहता है। उन्हें कितने ओवर फेंकने को कहा जा रहा है, इस पर नजर नहीं रखी जाती और न ही संतुलन रखा जाता है। कई मौकों पर शमी या यादव से उनके संबंधित राज्य संघ बंगाल और विदर्भ रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी या सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेलने का आग्रह करते हैं और कभी-कभी आदेश भी देते हैं।

भारतीय कप्तान ने बीसीसीआई से अपील की कि वे इस गेंदबाजी इकाई पर करीब से नजर रखे, क्योंकि वे भविष्य के विदेशी दौरों पर भारत की सफलता में अहम होंगे। धोनी ने कहा, अगर हम भारतीय क्रिकेट के हितों को देखना चाहते हैं, तो हमें तेज गेंदबाजों की प्रगति पर नजर रखनी होगी कि वे कितने ओवर फेंक रहे हैं और उन पर कितना बोझ है। साथ ही हमारे गेंदबाजों को भारतीय घरेलू क्रिकेट में अधिक मैच नहीं खेलने चाहिए। उन्हें बीच-बीच में मैच खेलने चाहिए।

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