DRS में क्या जरूरत है 'अंपायर कॉल' की?, 37 साल के नितिन मेनन ने सुलझाई गुत्थी
भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही सीरीज के दौरान भारतीय अंपायर नितिन मेनन ने काफी सुर्खियां बटोरी हैं। नितिन मेनन को उनकी शानदार अंपयारिंग के चलते काफी सराहा गया था वहीं अब इस 37 साल के युवा अंपयार ने "अंपायर कॉल" के महत्व के बारे में खुलकर बातचीत की है। मेनन ने बताया कि जब तक बॉल-ट्रैकिंग तकनीक 100% सटीक नहीं होती, तब तक "अंपायर कॉल" काफी महत्वपूर्ण रहेगी।
एएनआई के साथ बातचीत के दौरान नितिन मेनन ने कहा, 'देखें, सबसे पहले, अंपायर कॉल का अर्थ उन निर्णयों से है जो बहुत करीब हैं। फैसले जो 50-50 हैं, जो किसी भी तरफ जा सकते हैं। यह पूरी तरह से सही निर्णय के खिलाफ नहीं है जिसे पलट दिया जाए इसलिए जब 50-50 का निर्णय होता है तब अंपायर कॉल होती है। जो किसी भी तरफ (बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने वाली टीम) जा सकता है।'
नितिन मेनन ने आगे कहा, 'हम जानते हैं कि तकनीक 100% सही नहीं हो सकती है ऐसे में आपको अम्पायर कॉल की आवश्यकता होती है। ऐसे में ऑन-फील्ड निर्णय जो भी दिया जाता है वही मान्य होता है क्योंकि यह एक बहुत ही मामूली सा फर्क होता है इसलिए हम उस निर्णय के साथ जाते हैं जो ऑन-फील्ड अंपायर द्वारा दिया जाता है।'
नितिन मेनन ने कहा, 'इस अवधारणा को आम जनता को समझने की आवश्यकता है क्योंकि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि DRS में अंपायर कॉल क्यों होती है। यह मूल रूप से आवश्यक है क्योंकि यह एक माइनर कॉल होती है और 100% टैक्नोलॉजी यह नहीं बता सकती है कि गेंद स्टंप को लग रही थी या नहीं।'