'मैं कोई विवादित बयान नहीं दूंगा, वरना मेरी मैच फीस काट लेंगे', बुमराह ने Dukes बॉल पर नहीं किया कमेंट
लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन जसप्रीत बुमराह ने पांच विकेट लेकर अपनी टीम को मैच में वापस ला खड़ा किया। हालांकि, इस टेस्ट मैच के दूसरे दिन भी ड्यूक बॉल चर्चा का विषय बनी रही और जब दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आए तो उनसे भी ड्यूक बॉल को लेकर सवाल पूछा गया लेकिन उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
दूसरे दिन के पहले सत्र में एक बार फिर भारतीय गेंदबाजों को ड्यूक गेंद से परेशानी हुई और लगातार गेंद की शेप खराब होता देख कप्तान शुभमन गिल भी मैदानी अंपायरों से बहस करते दिखे। शुभमन की नाराजगी की एक वजह ये भी थी कि उन्हें सही रिप्लेसमेंट गेंद नहीं दी जा रही थी। इस घटना के बाद, भारत की लय भी धीमी पड़ गई और जेमी स्मिथ के साथ ब्रायडन कार्से ने मिलकर 84 रनों की साझेदारी करके इंग्लैंड का स्कोर 350 के पार पहुंचा दिया।
बुमराह से ड्यूक गेंद को लेकर भारत की नाराजगी का कारण भी पूछा गया, लेकिन बुमराह ने चुप्पी साधे रखी और मज़ेदार अंदाज़ में जवाब दिया कि वो नहीं चाहते कि उनकी मैच फीस काटी जाए क्योंकि वो एक गेंदबाज़ के तौर पर बहुत मेहनत करते हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "जब गेंद बदलती है, मैं उस पर नियंत्रण नहीं रख सकता। ज़ाहिर है, मैं पैसा नहीं गंवाना चाहता क्योंकि मैं बहुत मेहनत करता हूं और बहुत सारे ओवर डालता हूं, इसलिए मैं कोई विवादास्पद बयान नहीं देना चाहता और अपनी मैच फ़ीस नहीं कटवाना चाहता। लेकिन हम, हमें जो गेंद दी गई थी, उसी से गेंदबाज़ी कर रहे थे और यही वजह है कि हम इसे बदल नहीं सकते, हम इससे लड़ नहीं सकते। कभी-कभी ये आपके पक्ष में जाता है, कभी-कभी आपको ख़राब गेंद मिलती है। यही तो होता है।"
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उन्होंने आगे कहा, "पिच से ज़्यादा, मुझे लगता है कि गेंद थोड़ी अलग है क्योंकि हमारे पिछले दौरों पर यहां गेंद कभी नहीं बदली गई थी, ये लंबे समय तक सख्त रहती थी। अब, ज़ाहिर है, ये सूखा है, गर्मी है विकेट भी सख्त है तो शायद इसीलिए गेंद नरम हो रही है। लेकिन इसमें काफ़ी बदलाव है। जैसे, मुझे याद भी नहीं कि पिछले कुछ दौरों में हमने कभी ड्यूक गेंद बदली हो। तो यहां थोड़ा फ़र्क़ है और ये एक हार्ड-बॉल गेम है जब गेंद सख्त होती है, तो यहां थोड़ी हलचल होती है, लेकिन जैसे ही ये नरम हो जाती है, ये बल्लेबाज़ी के लिए थोड़ी ज़्यादा फ़ायदेमंद हो जाती है। तो यही पिछली बार और इस बार के बीच बड़ा फ़र्क़ लगता है।"