एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति का कार्यकाल खत्म, जानिए ऐसे विवाद जो सुर्खियों में रहे !
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने रविवार को कहा कि एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति का कार्यकाल खत्म हो गया है। गांगुली ने रविवार को यहां बीसीसीआई मुख्यालय में आयोजित 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) से इतर कहा, "कार्यकाल समाप्त हो गया है।
आप इससे आगे नहीं जा सकते हैं। उन्होंने अच्छा काम किया है।" प्रसाद और गगन खोड़ा 2015 में चयनकर्ता नियुक्त किए गए थे जबकि जतिन परांजपे, संदीप सिंह और देवांग गांधी 2016 में उनके साथ जुड़े थे। एमएसके प्रसाद के चयनकर्ता रहते भारतीय टीम चैंपियनशिप ट्रॉफी 2017 के फाइनल में पहुंची तो वहीं भारतीय टीम वर्ल्ड कप 2019 में सेमीफाइनल में पहुंची। यही नहीं टेस्ट रैंकिंग में भी भारतीय एमएसके के कार्यकाल के दौरान नंबर वन पर पहुंची।
लेकिन इन सभी उपलब्धियों के अलावा एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति का कार्यकाल विवादों में भी रहा। ऐसे में आईए जानते हैं ऐसे 4 विवाद जो एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति का कार्यकाल में सुर्खियों में बनी रही। -
एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति का कार्यकाल में जब भारतीय टीम का चयन वर्ल्ड कप 2019 के लिए किया गया तो अंबाती रायडु का चयन ना होना सबसे बड़ा विवाद रहा। अंबाती रायडु को वर्ल्ड कप वाली टीम में इसलिए शामिल नहीं किया गया क्योंकि वो ऑलराउंडर नहीं हैं। अंबाती रायडु की जगह विजय शंकर को टीम में शामिल किया गया था। वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में चयन के बाद एमएसके प्रसाद ने कहा था कि '3-डायमेंशन' वाले खिलाड़ी की तालाश थी जिसमें विजय शंकर फिट बैठते हैं।
टीम के चयन के बाद अंबाती रायडु ने चयनकर्ताओं पर व्यंग कसा था और ट्विटर पर लिखा था कि 'वर्ल्ड कप देखने के लिए अभी अभी 3d ग्लास आर्डर किये हैं'। अंबाती रायडु का यह ट्विट काफी वायरल हुआ था और एमएसके प्रसाद के द्वारा विजय शंकर को टीम में रखना फैन्स के लिए विवाद लेकर आया था।
एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति का कार्यकाल में जहां ऋषभ पंत को फ्लॉप होने के बाद भी लगातार मौके मिले तो वहीं दूसरी ओर घरेलू क्रिकेट में अपने परफॉर्मेंस से परचम लहराने वाले संजू सैमसन को चयनसमिती द्वारा लगातार नजरअंदाज करना चर्चा का विषय रहा।
संजू सैमसन को टीम में मौका ना देने पर हरभजन सिंह ने भी एमएसके प्रसाद को लेकर बयानबाजी की थी और कई दफा चयन समिति की प्रक्रिया को बदलने की बात की। यहां तक कि हरभजन सिंह ने भी बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से चयन समिति को बदलने की मांग भी कर डाली थी।
चयनकर्ताओं ने अनुष्का शर्मा को परोसी थी चाय- फारूख इंजीनियर का बयान
भारत के पूर्व क्रिकेटर/ विकेटकीपर फारूख इंजीनियर भी एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति पर बयाबाजी करने से पीछे नहीं रहे।
फारूख इंजीनियर ने यहां तक बयान दे दिया था कि वर्ल्ड कप 2019 के दौरान चयनकर्ताओं अनुष्का शर्मा को चाय परोसते थे। फारूख इंजीनियर एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति के काम से बिल्कुल खुश नहीं थे। हालांकि खुद अनुष्का शर्मा ने फारूख इंजीनियर के बयान पर अपना रूख दिया था और ऐसी बातों पर बकवास बताया था।
धोनी और एमएसके प्रसाद के बीच मनमुटाव की खबरें
एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति के कार्यकाल के आखिरी 2 साल के दौरान धोनी से रिश्ते को लेकर काफी खबरें आई। अभी जब धोनी टीम इंडिया से बाहर हैं तो इसकी जिम्मेदारी फैन्स एमएसके प्रसाद को दे रहे हैं। एमएसके प्रसाद भी कई दफा धोनी को लेकर बयान देते रहे हैं।
अभी हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के दौरान जब धोनी का चयन भारतीय टीम में नहीं हुआ तो उन्होंने कहा कि अब वो धोनी से आगे बढ़ गए हैं और टीम अब नए विकल्प की तालाश कर रही है। धोनी के फैन्स एमएसके प्रसाद की काफी आलोचना करते रहते हैं।
(विशाल भगत)