पाकिस्तान सुरक्षा का जायजा लेने तीन सदस्यीय टीम भेजेगा
इस्लामाबाद, 6 मार्च (Cricketnmore): भारत में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप से पहले पाकिस्तान ने भारत में सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है जो भारत का दौरा करेगी। इस टीम के मुखिया फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के उस्मान अनवर होंगे। उनके अलावा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के एक अधिकारी और भारत में पाकिस्तान उच्चायुक्त का एक सदस्य शामिल है।
सुरक्षा टीम सोमवार को भारत के लिए रवाना होगी और बुधवार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
मंत्री निसार अली ने संवाददाता सम्मेलन में बताया, "मैंने पीसीबी के अध्यक्ष से रिपोर्ट न आने तक क्रिकेट टीम भारत भेजने से मना किया है। हम टीम को तब तक रोक सकते हैं जब तक हम सुरक्षा को लेकर संतुष्ट न हो जाएं। अगर सुरक्षा टीम की रिपोर्ट सकारात्मक आती है तो हमारी टीम बुधवार को तय कार्यक्रम के तहत ही रवाना होगी, रिपोर्ट नकारात्मक आने पर टीम की रवानगी में देरी होगी।"
उन्होंने कहा, "हम अपनी टीम की सुरक्षा सिर्फ होटल या सफर में नहीं चाहते बल्कि हम चाहते हैं कि टीम मैदान पर भी सुरक्षित रहे। हम टीम को तभी भारत भेजेंगे जब हमें सुरक्षा को लेकर संतुष्टि हो जाएगी।"
पाकिस्तान सरकार का सुरक्षा टीम को भारत भेजने का फैसला हिमाचल प्रदेश में कुछ नेताओं के मैच के आयोजन के खिलाफ होने के बाद आया है। साथ ही सैनिक और पूर्वसैनिक भी मैच के आयोजन के खिलाफ हैं। धर्मशाला कांगड़ा जिले में है और यहां से बड़ी संख्या में सैनिक शहीद हुए हैं।
इसी मुद्दे को लेकर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर के बीच बहस छिड़ गई थी। इसके बाद दोनों ने बैठक कर मुद्दे पर चर्चा की थी।
वीरभद्र ने मैच के आयोजन को लेकर सुरक्षा मुहैया कराने में असमर्थता जाहिर करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र भी लिखा था। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि मैच का आयोजन धर्मशाला में नहीं होना चाहिए।
राज्य के परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने बीसीसीसीआई को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर मैच रद्द नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
बोर्ड और केन्द्र सरकार ने हालांकि इस मैच के दौरान सुरक्षा को लेकर जारी चिंताओं के जल्द निराकरण की बात कही थी। गृह मंत्री राजनाथ ने भी कहा था कि अगर राज्य सरकार सुरक्षा मुहैया नहीं करा पाती है तो केन्द्र सरकार अर्धसैनिक बलों को सुरक्षा के लिए तैनात करेगी।
एजेंसी