बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में भ्रष्टाचार मामले में जांच के आदेश

Updated: Tue, Jul 23 2019 18:00 IST
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नई दिल्ली, 23 जुलाई | पटना उच्च न्यायालय ने राज्य पुलिस से स्टिंग ऑपरेशन से संबंधित उस मामले की जांच करने को कहा है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) और चयनकर्ता पैसे के बदले चयन को प्रभावित कर सकते हैं। बीसीए को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का समर्थन प्राप्त है जबकि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (कैब) को नहीं है। 

कैब के सचिव आदित्य वर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने आश्चवासन दिया कि अब जल्द से जल्द मामले की जांच की जाएगी और दोषियों को सजा दी जाएगी। 

उन्होंने कहा, "हमने अपना बयान दर्ज करा दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। मैं अदालत को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने पुलिस को मामले की जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। जो इस खेल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, उनको दंडित किया जाना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही न्याय मिलेगा।" 

वर्मा ने यह भी कहा कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कामकाज देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) से भी मदद की मांग की थी, लेकिन उन्होंने बीसीए में भ्रष्टाचार के मामलों को नहीं देखा।

सचिव ने कहा, "मैंने सीओए प्रमुख विनोद राय से कई बार संपर्क किया, उनसे बीसीए द्वारा किए जा रहे गलत कामों पर ध्यान देने के लिए कहा, लेकिन उनके खिलाफ कोई जांच नहीं हुई।" 

उन्होंने कहा, "बीसीए में लोकपाल ने जनवरी 2018 में लिखा था कि बीसीए एक अयोग्य निकाय है और वे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं और फिर से चुनाव होना चाहिए। लेकिन इस मामले में कुछ नहीं हुआ। सीओए को हस्तक्षेप करने के लिए बार-बार अनुरोध किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।" 
 

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