पीयूष चावला ने जब भारत में T20 टूर्नामेंट में विदेशी टीम के लिए खेलने का अनूठा रिकॉर्ड बनाया, RCB की टीम भी थी शामिल

Updated: Wed, Jun 11 2025 10:50 IST
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एक सवाल: उन दो भारतीय क्रिकेटर का नाम जो अब बंद हो चुकी चैंपियंस लीग टी20 में किसी गैर-भारतीय टीम के लिए खेले?

ये कोई आम रिकॉर्ड नहीं है। इसकी वजह ये कि बीसीसीआई की तो पॉलिसी है कि जिसका नाम सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में है या जो आईपीएल में खेल रहा है, वह किसी और देश की किसी टीम के लिए व्हाइट बॉल क्रिकेट नहीं खेल सकता। फिर भी, ऐसा हुआ और इस रिकॉर्ड को बनाने में जिन दो क्रिकेटर का नाम है, उनमें से एक हाल ही में क्रिकेट से रिटायर हुए। इस अद्भुत रिकॉर्ड की चर्चा की एक और वजह ये खबर है कि चैंपियंस लीग टी20 (सीएल टी20) को फिर से, भले ही नए नाम से, शुरू कर रहे हैं। टी20 लीग की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी), वर्ल्ड क्लब चैंपियनशिप शुरू करने पर सोच रहे हैं और ये एक तरह से सीएल टी20 को एक नए नाम से खेलना ही होगा। सीएल टी20 में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और वेस्टइंडीज की घरेलू टीम खेलती थीं। बहरहाल सीएल टी20 की चर्चा एक अलग स्टोरी है।

जिन दो भारतीय क्रिकेटर के नाम ये रिकॉर्ड है, उनमें से एक भारतीय लेग स्पिनर पीयूष चावला थे। उन्होंने 2009 में सीएल टी20 के पहले सीजन में एक गैर-भारतीय टीम के लिए खेलने का ये रिकॉर्ड बनाया। वे ऐसा अलग सा रिकॉर्ड कैसे बना गए, ये बड़ी दिलचस्प स्टोरी है।

पीयूष चावला आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब, कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के लिए खेले। सीजन 2008 से 2013 तक वे किंग्स इलेवन के साथ थे। आईपीएल 2009 के बाद, जून में पीयूष चावला को अचानक ही इंग्लैंड से ससेक्स काउंटी के लिए, कम से कम उस महीने के आखिर तक खेलने का ऑफर मिला। काउंटी क्लब टीम, अपने पाकिस्तान से आए मीडियम पेस गेंदबाज यासिर अराफात की गैरमौजूदगी में, उनका सब्स्टीट्यूट तलाश रही थी। 

पीयूष चावला ने बिना देरी ऑफर मान लिया और ससेक्स के साथ अपना पहला काउंटी कॉन्ट्रैक्ट किया। उस समय तक इंग्लिश क्रिकेट सीजन में, काउंटी चैंपियनशिप में इस टीम की हालत पतली ही थी और 4 मैच में एक भी जीत हासिल न कर पाए थे। तब पीयूष चावला सिर्फ 20 साल के थे पर इस से कोई फर्क नहीं पड़ा। वूरस्टर में वूरस्टरशायर के विरुद्ध अपना पहला फर्स्ट क्लास 100 (86 गेंद पर 102* रन) लगाया और ससेक्स ने इस पारी में 9 विकेट पर 620 रन पर पारी घोषित का बड़ा स्कोर बनाया जो उनका 7वां सबसे बड़ा स्कोर था और 13 साल में किसी भी टीम का वूरस्टरशायर के विरुद्ध सबसे बड़ा स्कोर। 9वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए चावला ने 95 मिनट की पारी में 7 चौके और 6 छक्के लगाए और इसमें अपना दूसरा 50 तो सिर्फ 28 गेंद पर बनाया। बाद में 152 रन देकर 6 विकेट भी लिए और ससेक्स ने वूरस्टरशायर को 10 विकेट से हरा दिया। 

अपने दूसरे मैच में समरसेट के विरुद्ध 170 रन देकर 11 विकेट लिए। पीयूष चावला ट्वेंटी 20 कप में भी एक मैच खेले और उनकी 4 ओवर में 2-14 की गेंदबाजी से ससेक्स शार्क्स ने होव में सरे को आसानी से हरा दिया। ये सब इतना प्रभावशाली था कि थे कि ससेक्स ने तब ही तय कर लिया था कि चावला उनके लिए 2010 इंग्लिश सीजन में भी खेलेंगे। 

इस बीच, भारत में खेले जाने वाले सीएल टी20 के पहले सीजन का शेड्यूल तैयार हो गया। ये तो शुरू से ही मालूम था कि ऐसा होगा कि एक खिलाड़ी का नाम टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाली, एक से ज्यादा टीम में हो। इस पर टूर्नामेंट कमेटी ने तय किया कि ऐसे मामले में खिलाड़ी, सिर्फ उस देश की टीम के लिए खेलेंगे जिसके लिए वे इंटरनेशनल क्रिकेट खेल सकें। तब भी अगर दूसरी टीम, ऐसे खिलाड़ी को खिलाना चाहे तो उसे, खिलाड़ी के देश वाली टीम को 2 लाख अमेरिकी डॉलर का मुआवजा देना होगा। इसमें सबसे ख़ास ये था कि खिलाड़ी को तय करना था कि वह किस टीम के लिए खेलना चाहता है?

अब अगर पीयूष चावला की बात करें तो हुआ ये कि भारत से डेक्कन चार्जर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने टूर्नामेंट में खेलने के लिए क्वालीफाई किया और वे इनमें से किसी के भी रोल पर नहीं थे। दूसरी ओर, ससेक्स शार्क्स ट्वेंटी 20 कप में रनर्स-अप होने से क्वालीफाई कर गई। सीज़न के दौरान चावला के प्रदर्शन और भारतीय पिचों पर उनके अनुभव को देखते हुए, ससेक्स शार्क्स ने उन्हें सीएल टी20 के लिए टीम में शामिल करने की स्कीम पर काम शुरू कर दिया। आखिर में टूर्नामेंट कमेटी ने उन्हें, पाकिस्तान टीम की ड्यूटी पर बुला लिए गए, यासिर अराफात के कवर के तौर पर टूर्नामेंट में ससेक्स के लिए खेलने की इजाजत दे दी। 

हालांकि सीएल टी20 की प्लेइंग कंडीशन के अनुसार, खिलाड़ी अपनी पसंद की टीम चुनने के लिए आजाद था, लेकिन बाद में ये स्पष्टीकरण आ गया कि अगर आईपीएल टीम का खिलाड़ी, किसी दूसरी टीम के लिए खेलने को चुनता है तो उसकी आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट फीस में से कटौती होगी। चूंकि चावला टूर्नामेंट में खेल रही किसी भी टीम के रोल पर नहीं थे, लेकिन टूर्नामेंट कमेटी ने उन्हें इस रियायत  के तहत कवर किया और ससेक्स को अराफात के सब्स्टीट्यूट के तौर पर चावला को खिलाने की इजाजत मिल गई। ससेक्स के कोच रॉबिन्सन ने कहा था, 'पीसी (पीयूष चावला) का टीम में होना हमारे लिए बड़ा  फ़ायदेमंद रहेगा क्योंकि अच्छा खेलने के साथ-साथ वह हमें भारतीय खिलाड़ियों  और परिस्थितियों के बारे में अंदरूनी जानकारी दे सकते हैं।'
 
ससेक्स शार्क्स की नजर अब टूर्नामेंट में 2.5 मिलियन डॉलर के जैकपॉट पर थी। टूर्नामेंट का शेड्यूल ऐसा था कि ससेक्स को तीन दिन में दो बड़े मैच खेलने थे और इनमें से एक भी हारने पर दो हफ़्ते चलने वाले टूर्नामेंट के शुरू होने के 6 दिन से भी कम में वे घर लौटने की फ्लाइट पर होते। वे  न्यू साउथ वेल्स और दक्षिण अफ्रीका से आई टीम डायमंड ईगल्स के साथ एक ही ग्रुप में थे। इससे पहले ससेक्स ने श्रीलंका के वायम्बा और कोलकाता नाइट राइडर्स के विरुद्ध दो प्रेक्टिस मैच खेले थे। रिकॉर्ड के लिए, बिग बैश चैंपियन न्यू साउथ वेल्स ने पहले मैच में ससेक्स शार्क्स को 35 रन से हराया और चावला ने 2 ओवर में 1-21 की गेंदबाजी की जबकि बल्लेबाजी में पहली गेंद पर आउट हो गए। दूसरे मैच में, टूर्नामेंट में पहली बार एलिमिनेटर का इस्तेमाल हुआ और 40 ओवर के आखिर में स्कोर बराबर रहने के बाद ईगल्स और ससेक्स के बीच एक-एक सुपर ओवर का मुकाबला हुआ। टाईब्रेकर सिर्फ 8 गेंद ही चला और ईगल्स को 9 रन से जीत मिली। वैसे मैच में, ससेक्स के 119-7 में चावला ने 7 गेंद पर 9* बनाए और फिर 4 ओवर में 2-17 की किफायती गेंदबाजी से ईगल्स को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया। इस तरह ससेक्स को वापसी की फ्लाइट पकड़नी पड़ी और चावला को किसी भी आईपीएल टीम के विरुद्ध गेंदबाजी के एक और अद्भुत रिकॉर्ड से बचा लिया। 

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बहरहाल पीयूष चावला 2010 में काउंटी क्रिकेट खेलने नहीं जा सके क्योंकि बीसीसीआई ने काउंटी क्रिकेट में खेलने का एनओसी देने से इनकार कर दिया।

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