पिज्जा बॉय और सिक्योरिटी गार्ड की मदद से पुणे पुलिस ने आईपीएल सट्टेबाजी रैकेट का किया भंडाफोड़, 53 लोग किये गिरफ्तार
आईपीएल 2023 से जुडी एक बड़ी खबर सामने आयी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुणे शहर और पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस टीमों ने कई आईपीएल सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़ किया और 31 मार्च से 28 मई तक आईपीएल 2023 के दौरान 53 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। सट्टेबाजी रैकेट में शामिल दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने अंडरकवर ऑपरेशन और डिकॉय रणनीति सहित कई रणनीति अपनाई। ये अवैध संचालन आलीशान रेसीडेंशियल सोसायटियों के भीतर स्थित अपस्केल अपार्टमेंट्स से यह रैकेट चल रहा था। पुलिस ने कुल 12 जगह पर छापे मारे और 53 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
रिपोर्ट के अनुसार पुणे पुलिस ने खुलासा किया कि कुल 53 गिरफ्तारियों में से लगभग 40, पुणे और भारत के अन्य हिस्सों के बिजनेसमैन थे, जिनमें से ज्यादातर की उम्र 25 से 50 के बीच थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में छत्तीसगढ़, बिहार, पंजाब सहित मुंबई और नासिक के लोग भी शामिल थे। सट्टेबाजी के रैकेट को पकड़ने के लिए पुलिस ने खास हथकंडे अपनाए।
पुलिस ने अपनी टीम के एक सदस्य को पिज्जा-डिलीवरी बॉय के रूप में संदिग्ध फ्लैट में भेजा। एक अन्य जगह पर, एक पुलिसकर्मी को सिक्योरिटी गार्ड बनाकर एक मकान के मालिक को यह बताने के लिए भेजा गया कि उनकी कार से तेल लीक हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दोनों प्लानिंग को इन फ्लैटों में क्या चल रहा था, इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए यह प्लान बनाया गया था। पुलिस टीमों ने अप्रैल के महीने के दौरान ये अभियान चलाए।
रिपोर्ट के अनुसार केस के बारे में, पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस के कमिश्नर, विनय कुमार चौबे ने बतया कि, "जबकि जुआ अधिनियम और टेलीग्राफ अधिनियम की रोकथाम के प्रावधानों के तहत आईपीएल सट्टेबाजी अवैध है, इसके सामाजिक प्रभाव कहीं अधिक गंभीर हैं। इन सट्टेबाजी रैकेट से कई आपराधिक तत्व जुड़े हुए हैं। लेटेस्ट आईपीएल सीजन के दौरान, हमारी जांच टीमों ने खेती के स्रोतों पर सावधानीपूर्वक काम किया और कई छापे मारे। क्रिकेट सट्टेबाजी और जुए के अन्य रूपों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई आने वाले दिनों में जारी रहेगी।"
Also Read: Live Scorecard
छापे के दौरान, पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस ने भारत के बाहर होस्ट किए गए कम से कम सात ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों का खुलासा किया, जिसमें संकेत दिया गया था कि मुख्य ऑपरेटर यूरोप और मिडिल ईस्ट में स्थित थे। इसके अलावा, दो मामलों में जांच से पता चला कि सटोरियों ने एक फोन-आधारित एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया, जो टेलीविजन टेलीकास्ट से कुछ मिनट पहले मैच का ब्रॉडकास्ट करता था, जिससे वो गलत फायदा उठाते थे।