इंग्लैंड के खिलाफ द्रविड़-रोहित इस यंग स्टार को नहीं देना चाहते थे मौका, अगरकर ने किया मजबूर

Updated: Fri, Mar 15 2024 18:30 IST
इंग्लैंड के खिलाफ द्रविड़-रोहित इस यंग स्टार को नहीं देना चाहते थे मौका, अगरकर ने किया मजबूर (Image Source: Google)

भारत ने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ खत्म हुई 5 मैचों की टेस्ट सीरीज 4-1 से जीत ली थी। इस सीरीज में भारत की तरफ से कुछ सीनियर खिलाड़ी गैरहाजिर रहे। इस वजह से मैनेजमेंट ने सरफराज खान, देवदत्त पडिक्कल, रजत पाटीदार, आकाश दीप और ध्रुव जुरेल को डेब्यू करने का मौका दिया और सभी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए अपनी छाप छोड़ी। लेकिन, अब यह पता चला है कि इनमें से कुछ डेब्यू मुख्य कोच राहुल द्रविड़ या कप्तान रोहित शर्मा की ओर से नहीं हुए। इसके बजाय, यह मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ही थे जिन्होंने टीम मैनेजमेंट को इनमें से कुछ खिलाड़ियों को चुनने के लिए प्रेरित किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगरकर ने ही कोच द्रविड़ और कप्तान रोहित को विकेटकीपर के लिए ध्रुव जुरेल का नाम सुझाया था।

भारतीय टीम ने पहले कुछ मैचों में विकेटकीपर केएस भरत को मौका दिया। हालांकि वो इस मौके को भुनाने में नाकाम रहे। हालांकि ध्रुव ने टीम में आते ही कीपर और बल्लेबाज दोनों के रूप में अच्छा प्रदर्शन करते हुए अपनी छाप छोड़ी। बीसीसीआई सोर्स ने कहा कि, "अगरकर ने ही जुरेल का नाम सुझाया था। टीम मैनेजमेंट उनके बारे में बहुत आश्वस्त नहीं था क्योंकि वह अभी भी नौसिखिया थे। एक ऐसे युवा खिलाड़ी को चुनना, जिसका टॉप लेवल पर रेड-बॉल में ज्यादा प्रदर्शन नहीं था, इंग्लैंड जैसी महत्वपूर्ण सीरीज के लिए सीधे भारतीय टीम में चुनना हमेशा एक साहसिक फैसला है, क्योंकि अगरकर पहले इस युवा खिलाड़ी को कई बार देख चुके थे।"

Also Read: Live Score

इससे पहले, धर्मशाला टेस्ट के खत्म होने के बाद, द्रविड़ ने खुद खुलासा किया था कि अगरकर ही थे जिन्होंने उन्हें और रोहित को टीम में कुछ अनकैप्ड खिलाड़ियों को चुनने के लिए प्रेरित किया था। हेड कोच द्रविड़ ने कहा कि, "अजीत और उनकी टीम को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। बहुत सारे युवा जो आते हैं। कोच और कप्तान के रूप में हमें वास्तव में उनमें से बहुत से देखने का मौका नहीं मिलता है। हम अजीत और उनके चयनकर्ताओं की टीम जितना घरेलू क्रिकेट नहीं देखते हैं। उन्होंने हमें कुछ युवाओं को चुनने के लिए पुश किया और उन्होंने यहां आकर प्रदर्शन किया है। चयनकर्ता बनना आसान नहीं है। आपको हमेशा आलोचना मिलती है लेकिन अजीत और उनकी टीम की पीठ थपथपाई जाती है।"

TAGS

संबंधित क्रिकेट समाचार

सबसे ज्यादा पढ़ी गई खबरें