केन्या में क्रिकेट को सुधारने के लिए किया जाएगा ये खास काम
नैरोबी, 16 अप्रैल | केन्या के अंतर्राष्ट्रीय सेवानिवृत क्रिकेट खिलाड़ियों ने अपने देश में क्रिकेट के खेल के स्तर में सुधार करने की कोशिश की है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, 1960 से 1990 के दशक के बीच देश के लिए खेलने वाले सभी खिलाड़ियों नैरोबी जिमखाना में मुलाकात की।
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इन सभी खिलाड़ियों ने इस जिमखाना स्टेडियम में अपने अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले। इन सभी ने क्रिकेट को उसकी पुरानी पहचान दिलाने की कसम खाई।
साल 1994 में केन्या की क्रिकेट टीम की कप्तानी संभालने वाले जिमी रयानी ने कहा, "साल 1992 में केन्या विश्व रैंकिंग में 24वें स्थान पर थी। 1996 के बाद केन्या को एक उभरते क्रिकेट राष्ट्र के रूप में देखा जा रहा था। इसी साल टीम ने वेस्टइंडीज को क्रिकेट विश्व कप में मात दी थी।"
रेयानी जब केन्या क्रिकेट महासंघ के चेयरमैन थे, तब राष्ट्रीय टीम 2003 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंची थी। इसमें भारत ने 91 रनों से खिताबी जीत हासिल की थी।
नैरोबी जिमखाना में हुई इस बैठक में वर्तमान टीम के क्रिकेट खिलाड़ी, अधिकारी, अंपायर और स्थानीय क्रिकेट जगत के शुभचिंतक भी शामिल थे।
केन्या की राष्ट्रीय चयन समिति के चेयरमैन डेविड वॉटर्स ने कहा, "घरेलू लीग सबसे खराब है। राष्ट्रीय लीग में खेलने वाली टीमों की संख्या को 12 से घटाकर आठ कर देना चाहिए, ताकि अच्छे खिलाड़ी मिल सके। प्राइमरी स्कूलों में क्रिकेट को रखते हुए सेकेंड्री स्कूलों में इसे शामिल न करना सबसे खराब बात है।"
वाटर्स ने कहा कि क्रिकेट जगत को क्रिकेट केन्या को भंग करने के बाद संघ में सुधारों की निगरानी के लिए खेल मंत्री द्वारा नियुक्त अंतरिम समिति का समर्थन करने की आवश्यकता है, ताकि वह सफल हो सके।