WATCH: सचिन शांत थे, कोहली आक्रामक.. एंडरसन ने बताया दोनों में से किसे गेंदबाज़ी करना था सबसे मुश्किल
टीम इंडिया के दो दिग्गज बल्लेबाज़ों के बीच तुलना अक्सर होती रहती है, लेकिन इस बार मैदान के सबसे सफल गेंदबाज़ों में से एक जेम्स एंडरसन ने खुद बताया कि विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर में से किसे गेंदबाज़ी करना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण था। एंडरसन ने उनके साथ बिताए मुकाबलों की कुछ दिलचस्प यादें भी साझा कीं। उन्होंने दोनों खिलाड़ियों की मानसिकता और क्रीज़ पर उनकी मौजूदगी को लेकर भी खास बातें कही। उनकी इस राय ने एक बार फिर फैंस के बीच बहस छेड़ दी है।
भारत में क्रिकेट को धर्म की तरह माना जाता है और विराट कोहली व सचिन तेंदुलकर को उस धर्म के दो सबसे बड़े भगवान कह सकते हैं। इन दोनों दिग्गजों के बीच अक्सर तुलना होती है, कोई कोहली को आधुनिक युग का बेस्ट कहता है तो कोई तेंदुलकर को क्रिकेट का परमेश्वर। लेकिन अब इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज़ जेम्स एंडरसन ने खुद बताया है कि इन दोनों में से किसे गेंदबाज़ी करना ज्यादा मुश्किल था।
टॉकस्पोर्ट पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान एंडरसन ने कहा कि उन्हें विराट कोहली को गेंदबाज़ी करना ज्यादा मुश्किल लगता था। एंडरसन ने बताया कि 2014 में उन्होंने कोहली की कमजोरी को खूब भुनाया और उन्हें कई बार आउट किया। लेकिन उसके बाद जब दोनों की फिर भिड़ंत हुई, तो विराट पूरी तरह बदले हुए खिलाड़ी नजर आए। एंडरसन बोले, “कोहली ने अपने गेम को एक अलग ही लेवल पर ले गया था, और फिर उसे गेंदबाज़ी करना सिर्फ मेरे लिए नहीं, किसी भी गेंदबाज़ के लिए आसान नहीं रहा।”
एंडरसन ने सचिन के बारे में भी बात की और बताया कि उनके खिलाफ वो बदलाव नहीं दिखा जैसा कोहली में दिखा। उन्होंने कहा, “सचिन बहुत शांत स्वभाव के थे, मैदान पर बिल्कुल शांत रहते थे। लेकिन कोहली पूरी तरह अलग थे, बहुत जोशीले, हर विकेट और पल को खुलकर जीने वाले। उनके साथ मैदान पर कई बार जुबानी जंग भी हुई।” एंडरसन ने ये भी माना कि जब उन्होंने सचिन के खिलाफ खेला था, तब वो अपने करियर के एक अलग पड़ाव पर थे। एंडरसन ने कहा, “सचिन का भारत में जो रुतबा था, वो तो अद्भुत था। लेकिन विराट जैसे-जैसे आगे बढ़े, उनका प्रभाव भी वैसा ही हो गया।”
Also Read: LIVE Cricket Score
आखिर में एंडरसन ने साफ कहा कोहली को गेंदबाज़ी करना तेंदुलकर से ज्यादा चुनौतीपूर्ण था। कारण था उनका माइंडसेट, एनर्जी और लगातार खुद को बेहतर बनाने की भूख।