17 दिसंबर विशेष: भारत और ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट के लिए बेहद खास है ये दिन
पहले बात करते हैं लाला अमरनाथ की। लाला अमरनाथ को भारतीय क्रिकेट का पितामह माना जाता है। उनकी बल्लेबाजी ने भारत में क्रिकेट को एक खेल के रूप में बड़ी लोकप्रियता दिलायी थी। लाला अमरनाथ ने अपने करियर की शुरुआत 1933 में इंग्लैंड के खिलाफ 15 से 19 दिसंबर तक खेले गए मैच से की थी। यह मैच 18 दिसंबर को इंग्लैंड की 9 विकेट की जीत के साथ समाप्त हो गया था। इस मैच को लाला अमरनाथ के शतक के लिए याद किया जाता है। ये शतक भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का पहला शतक था। इस तरह अपने पहले ही टेस्ट में लाला अमरनाथ ने ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली। इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में 38 रन बनाने वाले इस बल्लेबाज ने दूसरी पारी में 118 रन की पारी खेली थी। ये शतकीय पारी 17 दिसंबर को आई थी।
भारत की तरफ से लाला अमरनाथ ने 24 टेस्ट खेले और 40 पारियों में 1 शतक और 4 अर्धशतक लगाते हुए 878 रन बनाए। वह भारत के कप्तान भी रहे। वे स्वतंत्र भारत के पहले क्रिकेट कप्तान थे और 1952 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत में उनकी कप्तानी थी।
पहले बात करते हैं लाला अमरनाथ की। लाला अमरनाथ को भारतीय क्रिकेट का पितामह माना जाता है। उनकी बल्लेबाजी ने भारत में क्रिकेट को एक खेल के रूप में बड़ी लोकप्रियता दिलायी थी। लाला अमरनाथ ने अपने करियर की शुरुआत 1933 में इंग्लैंड के खिलाफ 15 से 19 दिसंबर तक खेले गए मैच से की थी। यह मैच 18 दिसंबर को इंग्लैंड की 9 विकेट की जीत के साथ समाप्त हो गया था। इस मैच को लाला अमरनाथ के शतक के लिए याद किया जाता है। ये शतक भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का पहला शतक था। इस तरह अपने पहले ही टेस्ट में लाला अमरनाथ ने ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली। इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में 38 रन बनाने वाले इस बल्लेबाज ने दूसरी पारी में 118 रन की पारी खेली थी। ये शतकीय पारी 17 दिसंबर को आई थी।
Also Read: LIVE Cricket Score
आगे चलकर डॉन ब्रैडमैन क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाज बने। 1928 से 1948 के बीच ऑस्ट्रेलिया के लिए 52 टेस्ट मैचों की 80 पारियों में 29 शतक और 13 अर्धशतक लगाते हुए उन्होंने 6,996 रन बनाए। 234 प्रथम श्रेणी मैचों में ब्रैडमैन ने 117 शतक की मदद से 28,067 रन बनाए थे।