दिल्ली हाईकोर्ट ने 'पर्सनैलिटी राइट्स केस' में सुनील गावस्कर से जुड़े कंटेंट हटाने का आदेश दिया
जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की सिंगल-जज बेंच ने मेटा और एक्स कॉर्प समेत प्लेटफॉर्म्स को यह आदेश दिया कि गावस्कर के बारे में गलत बयान वाले यूआरएल 72 घंटे के अंदर हटा दिए जाएं। दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ किया कि अगर उपभोक्ता तय समय के अंदर उल्लंघन करने वाले कंटेंट को हटाने में असफल रहते हैं, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को ऐसे कंटेंट तक एक्सेस को बंद करना होगा।
जस्टिस अरोड़ा ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को गावस्कर के नाम पर बिना अनुमति के बेचे जा रहे उत्पादों की सूची हटाने का भी निर्देश दिया, और कहा कि अगर विक्रेता 72 घंटे के अंदर उल्लंघन करने वाले उत्पाद हटाने में फेल हो जाते हैं, तो प्लेटफॉर्म्स उन्हें डीलिस्ट कर देंगे।
यह अंतरिम राहत गावस्कर को उस केस में मिली जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया और ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर बिना उनकी इजाजत के उनसे जुड़ी चीजों के खिलाफ इस्तेमाल के खिलाफ अपनी पर्सनैलिटी के अधिकारों की सुरक्षा की मांग की थी।
पूर्व क्रिकेटर ने आरोप लगाया कि कई सोशल मीडिया पेज उनके नाम से मनगढ़ंत बातें बता रहे थे, जबकि कई ऑनलाइन विक्रेता उनसे गलत तरीके से जुड़े नकली ऑटोग्राफ वाले आइटम और दूसरा सामान बेच रहे थे।
पहले की सुनवाई में, जस्टिस अरोड़ा ने गावस्कर से गूगल, मेटा और एक्स को गलत यूआरएल देने को कहा था, साथ ही इंटरमीडियरी को एक हफ्ते के अंदर सूचना तकनीक नियम, 2021 के तहत उनके अनुरोध पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
पूर्व क्रिकेटर ने आरोप लगाया कि कई सोशल मीडिया पेज उनके नाम से मनगढ़ंत बातें बता रहे थे, जबकि कई ऑनलाइन विक्रेता उनसे गलत तरीके से जुड़े नकली ऑटोग्राफ वाले आइटम और दूसरा सामान बेच रहे थे।
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दिल्ली हाईकोर्ट ने गावस्कर के केस की अगली सुनवाई 22 मई, 2026 को तय की है।