इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज में इस्तेमाल की गई ड्यूक्स गेंद की जांच करेगी निर्माता कंपनी
ड्यूक्स गेंदों को उच्च गुणवत्ता वाली गेंद माना जाता है। इसका उत्पादन 1760 से हो रहा है। इंग्लैंड और भारत के बीच जारी टेस्ट सीरीज के पहले तीन टेस्ट मैचों में भी ड्यूक्स गेंद का इस्तेमाल हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक दूसरी नई गेंद आने से पहले ही सॉफ्ट होने लगती है।
ड्यूक्स गेंद बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी क्रिकेट बॉल्स लिमिटेड के मालिक दिलीप जजोदिया ने शुक्रवार को बीबीसी स्पोर्ट्स से कहा, "हम गेंद ले जाएंगे। इसके निर्माण में इस्तेमाल होने वाले चमड़े और अन्य कच्चे माल की चर्चा करेंगे और उसकी जांच करेंगे। हर छोटी, बड़ी चीज की समीक्षा की जाएगी और फिर अगर हमें लगेगा कि कुछ बदलाव करने की जरूरत है, तो हम करेंगे।"
गेंद निर्धारित उपयोग होने से पहले ही बहुत सॉफ्ट हो जा रही है अपना आकार खो दे रही है, खासकर पहले 30 ओवरों के बाद, इस वजह से दोनों टीमों के गेंदबाजों के लिए विकेट लेना मुश्किल हो गया है।
ड्यूक्स गेंद बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी क्रिकेट बॉल्स लिमिटेड के मालिक दिलीप जजोदिया ने शुक्रवार को बीबीसी स्पोर्ट्स से कहा, "हम गेंद ले जाएंगे। इसके निर्माण में इस्तेमाल होने वाले चमड़े और अन्य कच्चे माल की चर्चा करेंगे और उसकी जांच करेंगे। हर छोटी, बड़ी चीज की समीक्षा की जाएगी और फिर अगर हमें लगेगा कि कुछ बदलाव करने की जरूरत है, तो हम करेंगे।"
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जाजोदिया ने कहा, "गेंद की जांच इस्तेमाल से पहले नहीं की जा सकती। गेंद इस्तेमाल के दौरान ही विफल होती है। हम गेंद बनाने की पूरी प्रक्रिया की जांच कर सकते हैं।"