कनिष्क चौहान : 4 साल की उम्र में थामा बैट, अब अंडर 19 वर्ल्ड कप में जलवा बिखेरने को तैयार
26 सितंबर 2006 को कनिष्क चौहान का जन्म हरियाणा के किसान परिवार में हुआ। कनिष्क के पिता प्रदीप कुमार एक किसान हैं, जबकि मां सरिता एक गृहिणी हैं।
कनिष्क परिवार के इकलौते बेटे हैं। बचपन से ही उन्हें क्रिकेट में दिलचस्पी थी। सिर्फ 4 साल की उम्र में उन्होंने गाजियाबाद में एकेडमी ज्वाइन कर ली। 8 साल की उम्र में कनिष्क ने सिरसा में ट्रायल दिया। बेटे की ट्रेनिंग के लिए परिवार साल 2014 में झज्जर से सिरसा शिफ्ट हो गया और कनिष्क ने शाह सतनाम स्टेडियम में खेलना शुरू किया।
कनिष्क दाएं हाथ के बल्लेबाज और ऑफ-ब्रेक स्पिन गेंदबाज हैं। करीब 14-15 साल की कड़ी मेहनत के बाद कनिष्क को पहली बार इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका साल 2024 में मिला। उन्होंने अंडर-19 टीम की तरफ से इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया। कनिष्क ने इंग्लैंड में 5 वनडे मैच खेले, जिनमें 8 विकेट हासिल करने के साथ 114 रन बनाए। उन्हें 'बेस्ट ऑल-राउंडर ऑफ द सीरीज' का पुरस्कार मिला।
इस प्रदर्शन के आधार पर कनिष्क का चयन ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए हुआ। इसके बाद कनिष्क ने चैलेंजर ट्रॉफी और अफगानिस्तान के खिलाफ खेला। शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें अंडर-19 एशिया कप के लिए चुना गया।
अंडर-19 एशिया कप के लीग मुकाबलों में कनिष्क ने पाकिस्तान के खिलाफ बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन किया। 14 दिसंबर को खेले गए इस मुकाबले में उन्होंने 48 रन बनाने के साथ 3 विकेट भी हासिल किए। हरफनमौला प्रदर्शन के लिए 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया। अब यही प्रदर्शन उनके वर्ल्ड कप टीम में चयन के पीछे का आधार बना है।
इस प्रदर्शन के आधार पर कनिष्क का चयन ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए हुआ। इसके बाद कनिष्क ने चैलेंजर ट्रॉफी और अफगानिस्तान के खिलाफ खेला। शानदार प्रदर्शन के चलते उन्हें अंडर-19 एशिया कप के लिए चुना गया।
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कनिष्क ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैंने शाह सतनाम स्टेडियम से अपने करियर की शुरुआत की। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अंडर 19 एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में टीम इंडिया का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, जिस वजह से भारत ने खिताब गंवा दिया। मैंने हार के कारणों से सबक लिया है। उम्मीद है कि अगले टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करूंगा।"