आईपीएल 2025 में अब चेन्नई सुपर किंग्स की वापसी लगभग नामुमकिन : अंबाती रायडू
एक बार फिर से सीएसके की शुरुआत अच्छी नहीं रही, लेकिन पहली बार खेलने उतरे आयुष म्हात्रे ने 15 गेंदों में 32 रन बनाकर थोड़ी उम्मीद जगाई। उन्होंने दो छक्के और चार चौके लगाए। इसके बाद रवींद्र जडेजा और शिवम दुबे ने अर्धशतक जड़कर टीम को 20 ओवर में 176/5 तक पहुंचाया।
जवाब में, रोहित शर्मा ने शानदार नाबाद 76 रन बनाए, जिसमें छह छक्के और चार चौके शामिल थे। उनके साथ सूर्यकुमार यादव ने भी तेजी से 30 गेंदों में नाबाद 68 रन बनाए और मुंबई इंडियंस ने 15.4 ओवर में ही यह लक्ष्य 9 विकेट रहते हासिल कर लिया।
रायडू ने जियोहॉटस्टार पर कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस सीजन में सीएसके वापसी कर पाएगी। खुद धोनी ने भी मैच के बाद कहा कि अब वे अगले सीजन की तैयारी की सोच रहे हैं। अब वे युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाहेंगे और ऐसी टीम बनाना चाहेंगे जो बिना डरे खेले, लेकिन लापरवाही से नहीं। टीम को ज्यादा सकारात्मक सोच के साथ खेलना होगा। शायद आयुष म्हात्रे जैसे खिलाड़ी को अब पूरे मौके दिए जाएं।"
सीएसके की हार पर रायडू ने कहा कि टीम के खेलने के अंदाज में जोश और सोच की कमी थी।
उन्होंने कहा, "मध्य के ओवरों में उन्होंने लगभग 7 ओवरों में सिर्फ 35 रन बनाए। आजकल टी20 क्रिकेट में इस तरह का धीमा खेल कोई नहीं खेलता। खेल बहुत बदल चुका है, और बीच के ओवरों में भी तेजी से रन बनाना जरूरी है। सीएसके के पास इरादा ही नहीं दिखा। मैच हारना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन लड़ना जरूरी है। आप सिर्फ बीच के ओवरों में समय काटने की सोच नहीं रख सकते। इस पिच पर जीत के लिए कम से कम 190 रन चाहिए थे, और सीएसके जो स्कोर कर पाई, वह औसत से भी कम था।"
रोहित शर्मा की बल्लेबाजी पर रायडू ने कहा, "शुरुआत में उन्होंने थोड़ा समय लिया, लेकिन फिर बेहतरीन शॉट्स लगाए। उन्होंने सिर्फ ऑन साइड पर ही खेलने की कोशिश नहीं की। पहले भी उन्होंने बहुत रन बनाए हैं, लेकिन आज वे कुछ बड़ा करने के इरादे से उतरे थे। वह मैदान पर समय बिताना चाहते थे और मुंबई इंडियंस के लिए मैच खत्म करना चाहते थे। रोहित ऐसे खिलाड़ी हैं जो कभी भी बड़ा स्कोर कर सकते हैं। अब जब टूर्नामेंट का अहम हिस्सा आ रहा है, तो ऐसी पारियां न सिर्फ उन्हें बल्कि पूरी टीम को आत्मविश्वास देती हैं।"
उन्होंने कहा, "मध्य के ओवरों में उन्होंने लगभग 7 ओवरों में सिर्फ 35 रन बनाए। आजकल टी20 क्रिकेट में इस तरह का धीमा खेल कोई नहीं खेलता। खेल बहुत बदल चुका है, और बीच के ओवरों में भी तेजी से रन बनाना जरूरी है। सीएसके के पास इरादा ही नहीं दिखा। मैच हारना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन लड़ना जरूरी है। आप सिर्फ बीच के ओवरों में समय काटने की सोच नहीं रख सकते। इस पिच पर जीत के लिए कम से कम 190 रन चाहिए थे, और सीएसके जो स्कोर कर पाई, वह औसत से भी कम था।"
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Article Source: IANS