कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा नहीं रही वो विधा, जिसमें भारत ने जीते सबसे ज्यादा पदक
भारतीय दल का कॉमनवेल्थ खेलों में हमेशा से अच्छा प्रदर्शन रहा है। 1930 से खेले जा रहे खेलों में पदक जीतने के मामले में भारत ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, और कनाडा के बाद चौथे स्थान पर है। भारत ने अब तक 203 स्वर्ण, 190 रजत और 171 कांस्य सहित कुल 564 पदक जीते हैं।
भारत के लिए कॉमनवेल्थ खेलों में सबसे लकी खेल निशानेबाजी रही है। भारत अगर खेलों के इस महाकुंभ में ओवरऑल पदक तालिका में चौथे स्थान पर है, तो इसमें निशानेबाजी का सबसे अहम योगदान रहा है। भारत ने निशानेबाजी में सर्वाधिक पदक जीते हैं।
भारतीय दल का कॉमनवेल्थ खेलों में हमेशा से अच्छा प्रदर्शन रहा है। 1930 से खेले जा रहे खेलों में पदक जीतने के मामले में भारत ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, और कनाडा के बाद चौथे स्थान पर है। भारत ने अब तक 203 स्वर्ण, 190 रजत और 171 कांस्य सहित कुल 564 पदक जीते हैं।
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कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित होना है। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स की तरह ग्लासगो में भी निशानेबाजी नहीं होगी। लागत कम करने के लिए निशानेबाजी के साथ-साथ हॉकी, क्रिकेट और बैडमिंटन जैसे कई खेलों को हटा दिया गया है। देश को जिस खेल में सबसे ज्यादा पदक मिले हैं उसे ही कॉमनवेल्थ खेलों से हटा दिया गया है। इससे भारत को नुकसान होगा। निशानेबाजी का न होना, इस खेल से जुड़े एथलीटों के लिए भी निराशाजनक है। देखना होगा भारत 2030 में अपने यहां आयोजित होने वाले खेलों में निशानेबाजी को शामिल करने का प्रयास करता है या नहीं।