रणधीर सिंह के ओसीए अध्यक्ष बनने पर बधाई देने वाला का लगा तांता
रणधीर सिंह एशियाई ओलंपिक परिषद के अध्यक्ष बनने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उनका कार्यकाल 2024 से 2028 तक रहेगा। उन्होंने 1978 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और पांच ओलंपिक खेलों का हिस्सा थे।
उन्हें खेल मंत्री मनसुख मंडाविया और एशिया के सभी 45 देशों के शीर्ष खेल नेताओं सहित कई दिग्गजों की उपस्थिति में ओसीए प्रमुख के रूप में चुना गया।
2008 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने कहा, "रणधीर सिंह को एशियाई ओलंपिक परिषद का अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई। एक ओलंपियन और एक लीडर के रूप में खेल के प्रति उनके दशकों लंबे समर्पण ने वैश्विक खेल समुदाय पर एक बड़ी छाप छोड़ी है। मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में ओसीए ओलंपिक आदर्शों को बढ़ावा देना जारी रखेगा और पूरे एशिया में खेल के मानक को ऊंचा उठाएगा। मैं उन्हें इस प्रतिष्ठित भूमिका में सफलता की शुभकामनाएं देता हूं।"
2012 ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज मैरीकॉम ने कहा, "मैं रणधीर सिंह सर को एशियाई ओलंपिक परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई देती हूं। अपने प्रेरक व्यक्तित्व, दूरदर्शी मानसिकता और खेल के प्रति सच्चे जुनून के साथ उन्होंने पहले ही खेल इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है।
"अपने शानदार करियर के इस नए अध्याय के साथ, मुझे विश्वास है कि वह खेल संस्कृति को और आगे बढ़ाएंगे, तथा पूरे एशिया में ओलंपिक आदर्शों को बढ़ावा देंगे। मैं खेल में उनके योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देती हूं तथा उनकी नई भूमिका के लिए शुभकामनाएं।"
पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली निशानेबाज मनु भाकर ने कहा, "रणधीर सिंह सर को एशियाई ओलंपिक परिषद का अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई। भारतीय खेल जगत में एक खिलाड़ी और एक लीडर के रूप में उनका योगदान सभी पीढ़ियों के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहा है। ओसीए के शीर्ष पर उनका होना हम भारतीयों के लिए सम्मान की बात है।''
"मुझे विश्वास है कि उनके उत्साही मार्गदर्शन और समर्पित सेवाओं से पूरे एशिया में खेल जगत को जबरदस्त परिणाम मिलेंगे। नई भूमिका में उन्हें ढेर सारी सफलता की शुभकामनाएं।"
77 वर्षीय खेल दिग्गज पटियाला पंजाब से हैं। उनका जन्म खेल से जुड़े खिलाड़ियों के परिवार में हुआ था। दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करने के बाद, सिंह ने खेलों में अपना करियर बनाया। अपने शुरुआती वर्षों में शूटिंग, गोल्फ, तैराकी, स्क्वैश और क्रिकेट सहित कई खेलों को आजमाने के बाद उन्होंने शूटिंग पर फोकस किया और इस खेल में अपना करियर बनाने की ठानी।
1968 और 1984 के बीच, उन्होंने ओलंपिक के पांच संस्करणों में भाग लिया, ऐसा करने वाले वे केवल दूसरे भारतीय बने।
77 वर्षीय खेल दिग्गज पटियाला पंजाब से हैं। उनका जन्म खेल से जुड़े खिलाड़ियों के परिवार में हुआ था। दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी करने के बाद, सिंह ने खेलों में अपना करियर बनाया। अपने शुरुआती वर्षों में शूटिंग, गोल्फ, तैराकी, स्क्वैश और क्रिकेट सहित कई खेलों को आजमाने के बाद उन्होंने शूटिंग पर फोकस किया और इस खेल में अपना करियर बनाने की ठानी।
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Article Source: IANS