ब्रॉड के 'Headband' से जुड़ा है उनकी कामयाबी का कनेक्शन, जानिए क्या है राज़
इंग्लैंड के खिलाफ नॉटिंघम में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में जीत के लिए 209 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक 1 विकेट के नुकसान पर 52 रन बना लिए हैं। पांचवें और आखिरी दिन भारत को जीत के लिए 157 रन और बनाने होंगे। भारत को एकमात्र झटका केएल राहुल (26) के रूप में लगा और स्टुअर्ट ब्रॉड ने कमाल की गेंद पर राहुल को अपना शिकार बनाया।
ब्रॉड के लिए पिछले कुछ टेस्ट मैच अच्छे नहीं रहे थे और इस टेस्ट की पहली पारी में भी ब्रॉड को एक भी विकेट नहीं मिला था। ऐसे में राहुल का ये विकेट ब्रॉड के लिए राहत लेकर आया है। वैसे, इस आर्टिकल में हम आपको ब्रॉड से जुड़ा एक दिलचस्प आंकड़ा बताने वाले हैं।
हम सब पिछले काफी समय से देख रहे हैं कि ब्रॉड अपने सिर पर एक हैडबैंड पहनकर गेंदबाज़ी करते हैं लेकिन कोरोनाकाल से पहले वो इस हैडबैंड का इस्तेमाल नहीं करते थे। अगर ब्रॉड के हाल ही के आंकड़े देखें, तो आप पाएंगे कि ये हैडबैंड इस तेज़ गेंदबाज़ के लिए काफी लक्की है लेकिन जब ब्रॉड के सिर पर ये हैडबैंड नहीं होता है तो वो विकेट लेने के लिए संघर्ष करते हुए दिखते हैं।
महामारी की शुरुआत के बाद से स्टुअर्ट ब्रॉड ने टेस्ट क्रिकेट में 519 रन देने के बाद 33 विकेट चटकाए हैं जबकि इस दौरान उनका गेंदबाज़ी औसत 15.7 का रहा है। वहीं, इस पीरियड के दौरान जब-जब ब्रॉड हैडबैंड के बिना मैदान पर उतरे हैं उनके आंकड़े काफी खराब हो जाते हैं।
कोरोना काल की शुरुआत के बाद से जब-जब ब्रॉड बिना हैडबैंड के मैदान पर उतरे हैं उनके हाथ निराशा ही लगी है। इस दौरान ब्रॉड ने 244 रन लुटाने के बाद सिर्फ 6 विकेट हासिल किए हैं। जबकि उनका औसत भी 40.7 का हो जाता है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि ब्रॉड की सफलता का राज़ ये हैडबैंड ही है।