शिवनारायण चंद्रपॉल आंखों के नीचे क्यों लगाते थे डार्क स्टीकर? ये थी बड़ी वजह
वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी शिवनारायण चंद्रपॉल (Shivnarine Chanderpaul) की गिनती दिग्गजों में होती है। विपक्षी गेंदबाजों के लिए शिवनारायण चंद्रपॉल का विकेट लेना हमेशा से ही टेढ़ी खीर साबित होता था। खासकर टेस्ट मैच मैचों में शिवनारायण चंद्रपॉल का स्वैग ही बिल्कुल अलग हो जाता था। शिवनारायण चंद्रपॉल ने अपने टेस्ट करियर की 280 पारियों में 27,000 से अधिक गेंदों का सामना किया। फैंस को उनका अनूठा बैटिंग स्टांस हमेशा याद रहेगा जो अन्य बल्लेबाजों से काफी अलग था।
इसके साथ ही शिवनारायण चंद्रपॉल अपनी आंखों के नीचे काले रंग का डार्क स्टिकर्स लगाने के लिए भी जाने जाते थे। कई क्रिकेट फैंस के मन में आजतक ये सवाल घूम रहा है कि आखिरकार शिवनारायण चंद्रपॉल ऐसा क्यों करते थे?
दरअसल, शिवनारायण चंद्रपॉल के ऐसा करने के पीछे की कहानी काफी ज्यादा दिलचस्प है। शिवनारायण चंद्रपॉल काले रंग का यूनीक स्टिकर इसलिए लगाते थे ताकि उनकी आंखों पर सीधे सूर्य की किरणें ना पड़े। इसे एंटी-ग्लेयर स्टिकर कहते हैं, जो धूप में खेलते हुए आंखों पर पड़ने वाली धूप की किरणों को कम कर देती है। सीधी भाषा में समझें तो एक तरह से य स्टीकर उनके लिए सनग्लासेस का काम करता था।
शिवनारायण चंद्रपॉल ने कहा था कि इस स्टीकर के चलते वो धूप की किरणों से ज्यादा प्रभावित हुए बिना बैटिंग और फील्डिंग कर पाते हैं। 16 अगस्त 1974 में गुयाना में जन्में शिवनारायण चंद्रपॉल भारतीय मूल के हैं। साल 1873 में शिवनारायण चंद्रपॉल के पुरखों में सबसे पहले पवन कुमार चंद्रपाल बिहार के पूर्णिया से गुयाना आए थे।
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शिवनारायण चंद्रपॉल के बेटे तेजनारायण चंद्रपॉल ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में डेब्यू किया है। तेजनारायण चंद्रपॉल ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने पिता शिवनारायण चंद्रपॉल की याद दिलाई है। शिवनारायण चंद्रपॉल ने 164 टेस्ट और 268 वनडे खेले। टेस्ट मैचों में 51.37 की औसत से उनके बल्ले से 11,867 रन निकले।