प्रज्ञान ओझा के इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने पर सचिन ने इस वजह से कहा 'थैंक्यू' !
नई दिल्ली, 21 फरवरी। सचिन तेंदुलकर के विदाई मैच में मैन आफ द मैच रहे लेफ्ट आर्म भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारुपों से संन्यास लेने की शुक्रवार को घोषणा कर दी। ओझा ने टिवटर पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, "एक भारतीय क्रिकेटर बनना और शीर्ष स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना, हमेशा से मेरा एक सपना था, जिसे मैंने एक युवा खिलाड़ी के तौर पर संजोया था।"
ओझा ने आगे कहा, "मैंने अपने इस करियर ने कई उतार-चढ़ाव देखे। कुछ समय के बाद मैंने महसूस किया कि एक खिलाड़ी की विरासत न केवल उसकी मेहनत और समर्पण है, बल्कि विश्वास और मार्गदर्शन भी है, जोकि उसे एसोसिएशन, टीम प्रबंधन, टीम के साथी, कोच और प्रशंसकों से मिलता है।"
33 साल के ओझा ने भारत के लिए 24 टेस्ट, 18 वनडे और छह टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश: 113, 21 और 10 विकेट लिए हैं।
उन्होंने अपना पिछला मैच प्रथम श्रेणी मैच के रूप में नवंबर 2018 में बिहार के लिए खेला था। उन्होंने भारत के लिए अपना अंतिम मैच 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सचिन तेंलुदकर के विदाई मैच में खेला था। ओझा ने उस टेस्ट मैच में 10 विकेट लिए थे और इसके लिए उन्हें मैन आफ द मैच का पुरस्कार मिला था।
ओझा ने आगे लिखा, "मैं वीवीएस लक्ष्मण का बहुत आभारी हूं, जिन्होंने मुझे एक बड़े भाई की तरह मेंटॉर किया। वेंकटपति राजू का भी आभारी हूं, जो मेरे आदर्श थे और मैंने हमेशा उनका अनुकरण किया। हरभजन सिंह को निरंतर सलाह देने और एमएस धौनी को मुझे भारतीय कैप पहनने के लिए सम्मानजनक अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद देता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरे लिए सबसे यादगार क्षण महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर से मेरे टेस्ट कैप को प्राप्त करने का, फिर देश के लिए 100 टेस्ट विकेट लेने की उपलब्धि को पूरा करना है। मुझे उम्मीद है कि मैं हर क्षमता में भारतीय क्रिकेट के विकास में योगदान देना जारी रखूंगा।" ओझा ने आईपीएल में 92 मैचों में 89 विकेट लिए है।
सचिन ने भी ट्विट कर प्रज्ञान ओझा को उनके करियर की शुभकामनाएं की और साथ ही कहा कि आखिरी टेस्ट मैच को स्पेशल बनानें के लिए भी थैंक्यू कहा है। गौरतलब है कि सचिन के आखिरी टेस्ट मैच में प्रज्ञान ओझा ने 10 विकेट लिए थे और मैन ऑफ द मैच का खिताब जीतने में भी सफल रहे थे।