ग्रोवेल’ विवाद: कैसे एक अपमानजनक शब्द ने वेस्टइंडीज़ क्रिकेट का स्वर्णिम युग शुरू किया

Updated: Tue, Dec 02 2025 09:59 IST
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साउथ अफ्रीका के कोच शुकरी कोनराड (Shukri Conrad) ने गुवाहाटी टेस्ट मैच के चौथे दिन अपनी टीम के शानदार प्रदर्शन की चर्चा में, पारी समाप्त घोषित करने में देरी के मुद्दे पर कहा कि वह चाहते थे कि भारत 'ग्रोवेल (Grovel)' करे (उनकी झुकने/गिड़गिड़ाने वाली हालत हो जाए)। उनके इस कमेंट से हर कोई हैरान और चकित रह गया। ऐसे शब्द इस्तेमाल नहीं किए जाते। संयोग से साउथ अफ्रीका ने टेस्ट 408 रन से जीत लिया और भारत पर अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की।

क्या उन्हें पता था कि क्रिकेट में 'ग्रोवेल' शब्द का क्या मतलब होता है? ये एक ऐसा बड़ा और भड़काऊ शब्द है, जिसका एक ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि ये क्रिकेट के एक बड़े बदनाम किस्से से जुड़ा है। 1976 में इंग्लैंड आई, वेस्टइंडीज टीम का का स्वागत करते हुए इंग्लैंड के कप्तान टोनी ग्रेग ने कहा था, उनकी टीम वेस्टइंडीज को 'ग्रोवेल' पर मजबूर कर देगी।

तब उस कमेंट पर बड़ा शोर हुआ क्योंकि इसे आम तौर पर अपमानजनक और नस्लीय तौर पर असंवेदनशील माना था। दो टेस्ट मैच की सीरीज़ होने की वजह से, भारत को तो ग्राउंड पर शुकरी के कमेंट का सही जवाब देने का मौका नहीं मिला और बीसीसीआई ने भी इसे चुपचाप 'पी' लिया लेकिन ग्रेग के कमेंट को कैरिबियन शान और प्रतिष्ठा को बड़ा जोरदार झटका देने वाला माना गया। नतीजा: वेस्ट इंडीज़ ने तेज गेंदबाजी और जोरदार बल्लेबाजी के प्रदर्शन से इंग्लैंड को 3-0 से हरा दिया। यहीं से, आने वाले सालों में वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट के दबदबे का दौर शुरू हुआ। इस तरह, उनकी बेइज्जती एक मुहिम में बदल गई और उसके बाद तो इंटरनेशनल क्रिकेट का समीकरण ही बदल गया।

क्या हुआ, इसे समझने के लिए, इस स्टोरी को इन दोनों टीम के बीच कैरिबियन में 1973-74 की सीरीज से शुरू करना होगा। वेस्टइंडीज ने पहला और इंग्लैंड ने पांचवें टेस्ट को जीता और सीरीज़ 1-1 से ड्रा रही। इस से इंग्लैंड को लगा कि ऐसा नहीं है कि इस वेस्टइंडीज़ टीम को हरा नहीं सकते। जब 1975-76 में ऑस्ट्रेलिया ने लिली और थॉमसन की ज़बरदस्त पेस की बदौलत वेस्टइंडीज को 5-1 से हरा दिया, तब तो इंग्लैंड की सोच पर मोहर लग गई। ये जबरदस्त हार अपमानजनक तो थी ही, कप्तान क्लाइव लॉयड को एक सबक भी दे गई और वह समझ गए थे कि अब पेस ही क्रिकेट खेलने का तरीका है।

उन्होंने एक प्लान बनाया। जब 1976 में वेस्टइंडीज टीम इंग्लैंड टूर पर आई तो लॉयड की 'आर्मी' में एंडी रॉबर्ट्स, माइकल होल्डिंग, वेन डैनियल और वैनबर्न होल्डर ख़ास नाम थे और वे अपनी इस सेना के साथ मुकाबले के लिए तैयार थे। उनकी स्कीम में, स्पिनर के लिए कोई जगह नहीं थी। साउथ अफ्रीका में जन्मे, इंग्लैंड के कप्तान टोनी ग्रेग को, न तो लॉयड की इस तैयारी की भनक लगी और न ही उन्हें इस पेस बैटरी की मार का कोई अंदाजा था। बीबीसी पर स्पोर्ट्स नाइट प्रोग्राम में उन्होंने कहा, 'जब ये टॉप पर हों तो गजब का खेलते हैं लेकिन मैं उन्हें ग्रोवेल (झुकने/गिड़गिड़ाने) पर मजबूर करना चाहता हूं।'

इस एक शब्द ने, कील पर जबरदस्त चोट जैसा झटका दिया और वेस्टइंडीज क्रिकेट का गौरव छलनी कर दिया। टीम ने इसे एक अपमान की तरह से लिया और पूरी टीम एक साथ, अड़ गई कि 'इस आदमी को इसकी औकात दिखा देंगे।' क्रिकेट में पहले कभी ग्रोवेल शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ था। सब डिक्शनरी से 'ग्रोवेल' का मतलब समझने में लगे थे। वेस्टइंडीज टीम ने तो डिक्शनरी में लिखी परिभाषा को दिल से लगा लिया। विव रिचर्ड्स ने कहा, 'वह चाहते थे कि हम घुटनों पर आ जाएं, दया की भीख मांगें।' हुआ इसके उलट। ग्रेग की स्टेटमेंट इन मेहमान क्रिकेटरों को मोटिवेट करने वाली बन गई और वेस्टइंडीज टीम एक ऐसी यूनिट में बदल गई जो एक साथ लड़ने के लिए तैयार थी।

पहला टेस्ट, नॉटिंघम: ड्रा

दूसरा टेस्ट, लॉर्ड्स: ड्रा

इन दो ड्रॉ ने इंग्लैंड का हौसला और बढ़ा दिया जबकि विंडीज टीम सही लय में आ रही थी और पूरी तरह से विस्फोट के लिए तैयार।

तीसरा टेस्ट, मैनचेस्टर: वेस्टइंडीज 211 और 411/5 पारी समाप्त, इंग्लैंड 71 और 126

गॉर्डन ग्रीनिज 134 और 101, विव रिचर्ड्स 135, एंडी रॉबर्ट्स 9 और माइक होल्डिंग 8 विकेट। वेस्टइंडीज 425 रन से जीत गया।

चौथा टेस्ट, लीड्स: वेस्टइंडीज: 450 और 196, इंग्लैंड: 387 और 204

वेस्टइंडीज ने टेस्ट 55 रन से जीत लिया और इसी के साथ विजडन ट्रॉफी पर उनका अधिकार हो गया। ग्रेग का 'गिड़गिड़ाहट' की उम्मीद करना उलटा पड़ गया और अब उन्हें सता रहा था। उनके पास कोई जवाब नहीं था। स्टेडियम में नजारा किसी कैरेबियाई कार्निवल जैसा था। अब आते हैं आखिरी टेस्ट पर।

पांचवां टेस्ट, द ओवल: वेस्टइंडीज: 687/8 पारी समाप्त और 182/0 पारी समाप्त, इंग्लैंड: 435 और 203

एक बेजान पिच पर विव रिचर्ड्स ने पहली पारी में 291 रन बनाए, सीरीज में उनका उनका दूसरा 200, डेनिस एमिस ने 203 रन बनाए और इंग्लैंड को 435 के सम्मानजनक स्कोर तक ले गए पर होल्डिंग ने 8 विकेट लिए थे। वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को फॉलोऑन के लिए नहीं कहा और रॉय फ्रेडरिक्स एवं गॉर्डन ग्रीनिज ने इंग्लैंड की गेंदबाजी को ऐसा कुचला कि सिर्फ 32 ओवर में 182/0 बनाकर इंग्लैंड को जीत के लिए 435 रन का लक्ष्य दिया। होल्डिंग ने इस बार 6 विकेट लिए यानि कि टेस्ट में कुल 14 और वेस्टइंडीज ने 231 रन से टेस्ट और सीरीज को 3-0 से जीत लिया। इसे कहते हैं सीरीज में एक टीम का पूरा प्रभुत्व।

तो कौन गिड़गिड़ाता नजर आया? टोनी कोजियर ने तो कमेंट्री में साफ़ कह दिया कि ग्रेग गिड़गिड़ा रहे हैं। टोनी ग्रेग ने भी मान लिया, 'मुझे एहसास हो गया कि उस शब्द का इस्तेमाल करना गलती थी और उन्होंने मुझे इसे भूलने नहीं दिया।' वह तो इसे कभी नहीं भूल पाए और ये गलती उन्हें हमेशा परेशान करती रही।

सीरीज में गॉर्डन ग्रीनिज ने दो 100 के साथ 572 रन, विव रिचर्ड्स ने 291 के टॉप स्कोर के साथ 829 रन तथा एंडी रॉबर्ट्स और माइकल होल्डिंग ने 28-28 विकेट लेकर इंग्लैंड के क्रिकेटरों को एक सबक सिखा दिया, इतिहास बनाया और इंग्लिश क्रिकेट का पराक्रम मिट्टी में मिला दिया।

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