बेंगलुरु भगदड़ मामले में ट्रिब्यूनल ने भीड़ के लिए RCB को ठहराया जिम्मेदार, बोले- पुलिस इंसान है भगवान या अलादीन का चिराग नहीं..
आईपीएल 2025 में पहली बार खिताब जीतने के बाद जब RCB जश्न मना रही थी, तब बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ ने माहौल को मातम में बदल दिया। अब करीब एक महीने बाद इस घटना के लिए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने जारी जांच में आरसीबी को जिम्मेदार ठहराया है और आरसीबी को मुसीबतो के कटघरे में ला खड़ा किया है।
आईपीएल 2025 में ट्रॉफी जीतने के बाद RCB की जीत का जश्न बेंगलुरु में भारी पड़ गया। 4 जून को टीम की विजय रैली के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 33 लोग घायल हो गए थे। अब इस हादसे की केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने जारी जांच में पूरी जिम्मेदारी RCB पर डाल दी है।
केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण का कहना है कि आरसीबी ने जश्न मनाने से पहले पुलिस से कोई अनुमति नहीं ली और अचानक सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा कर दी, जिससे हजारों की संख्या में लोग जुट गए। पुलिस के पास महज़ 12 घंटे का समय था, जिसमें इतनी बड़ी भीड़ के लिए सुरक्षा इंतजाम करना नामुमकिन था।
केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने अपने बयान में यह कहा है कि, "RCB ने न तो पुलिस से अनुमति ली और न ही पहले से जानकारी दी। सोशल मीडिया पर अचानक घोषणा की गई, जिससे भीड़ उमड़ पड़ी। पुलिस के पास तैयारी का समय ही नहीं था। इतने कम वक्त में किसी से अलादीन का चिराग जैसा काम नहीं किया जा सकता।"
गौरतलब है विजय रैली की योजना के तहत टीम को विधान सौधा से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक परेड निकालनी थी, लेकिन दिनभर रूट और अनुमति को लेकर स्थिति साफ नहीं थी। इसी बीच जैसे ही RCB की टीम मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलने विधान सौधा पहुंची, स्टेडियम के बाहर भगदड़ की खबर सामने आ गई थी।
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शुरुआत में इस घटना के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, लेकिन केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने साफ कहा कि पुलिसवाले भी इंसान हैं, ना कि भगवान या जादूगर जो कुछ घंटों में लाखों की भीड़ संभाल लें। इस हादसे के बाद RCB ने पीड़ित परिवारों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की थी, लेकिन अब ये मामला आरसीबी की गंभीर लापरवाही के रूप में देखा जा रहा है।