'1600 लड़के, तीन दिन, लेकिन टैलेंट के लिए जगह नहीं', मोहम्मद शमी ने आखिरकार खोल ही दी UPCA की काली सच्चाई
मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) उत्तर प्रदेश के अमरोहा के रहने वाले हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि शमी रणजी ट्रॉफी उत्तर प्रदेश के लिए नहीं, बल्कि बंगाल की तरफ से खेलते हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण जिस पर अब मोहम्मद शमी ने खुलकर बातचीत की है। दरअसल, वर्ल्ड कप 2023 खत्म होने के बाद शमी ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (UPCA) की काली सच्चाई के ऊपर से पर्दा उठाया है।
भारतीय टीम के इस स्टार गेंदबाज़ ने हाल ही में PUMA के साथ हुए एक इंटरव्यू में खुलकर बातचीत करते हुए दुनिया को यह बताया कि कैसे UPCA द्वारा टैलेंटिड खिलाड़ियों की अनदेखी की जाती है, वहीं पावर में बैठे लोग अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करते हैं।
लात मारकर कर देते हैं बाहर
शमी ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए ये खुलासा किया कि वो दो साल यूपी का ट्रायल देने गए थे। वहां सब ठीक रहता था, शमी गेंदबाजी करते हुए काफी अच्छे भी दिखते थे, लेकिन जैसे ही फाइनल राउंड आता था यूपी वाले लात मारकर उन्हें बाहर निकाल दिया करते थे। वो कहते थे तुम्हारा यहां कोई काम नहीं है।
1600 लड़के, लेकिन टैलेंट के लिए जगह नहीं
शमी ने बताया कि जब शमी दूसरे साल दोबारा ट्राइल देने गए उनके साथ एक सब फिर वही हुआ जो पहले साल हुआ था। वहां करीब 1600 लड़के आए थे और सेलेक्टर्स ट्रायल (रणजी ट्रॉफी) में तीन दिन में सब को देख लेते थे। तब मेरे भईया ने एक सेलेक्टर से बात की। उनके जो चीफ थे उनसे बात हुई। उन्होंने मेरे भाई से कहा अगर मेरी कुर्सी हिला सकते हो, तब ये लड़का सेलेक्ट हो जाएगा। लड़का बहुत अच्छा है। वरना सॉरी।
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आपको बता दें कि यही कारण था जिस वजह से शमी ने उत्तर प्रदेश को छोड़कर बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने का फैसला किया। इसके बाद उनकी जिंदगी में तरक्की होने शुरू हुई और इसी बीच वह सौरव गांगुली से मिले। शमी ने उन्हें भी प्रभावित किया जिसके बाद उन्होंने आईपीएल से लेकर इंडियन ड्रेसिंग रूम तक का सफर तय किया। अब शमी एक ऐसे मंच पर पहुंच चुके हैं जहां से वह क्रिकेट गलियारों की ये काली सच्चाई दुनिया को बता सकते हैं और उन्होंने ऐसा ही किया है।