15 गेंद में 38 रन ठोकने वाले वैभव सूर्यवंशी को सुपर ओवर में क्यों नहीं भेजा गया बल्लेबाजी के लिए? जितेश शर्मा ने बताई ये वजह
भारत A और बांग्लादेश A के बीच खेला गया एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025 का सेमीफाइनल रोमांच से भरा रहा, लेकिन सुपर ओवर में एक फैसले ने सभी को चौंका दिया। टीम के सबसे इन-फॉर्म बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी को बल्लेबाजी के लिए न भेजने पर फैन्स से लेकर कमेंटेटर्स तक सब हैरान रह गए। सूर्यवंशी ने मैच में 15 गेंदों पर 38 रन ठोककर अपनी धाक जमाई थी, लेकिन फिर भी सुपर ओवर में उन्हें डगआउट में बैठा दिया गया।
एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025 के पहला सेमीफाइनल में भारत A और बांग्लादेश A के बीच शुक्रवार(21 नवंबर) को दोहा के वेस्ट एंड पार्क इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में कड़ा मुकाबला देखने को मिला। 195 रन के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत A की तरफ से वैभव सूर्यवंशी ने शुरुआत में तूफानी पारी खेली। उन्होंने सिर्फ 15 गेंदों में 38 रन ठोककर टीम को तेज शुरुआत दी और अपना टूर्नामेंट का शानदार फॉर्म भी जारी रखा।
मैच रोमांचक मोड़ पर पहुँचकर सुपर ओवर में गया। ऐसे में सबको उम्मीद थी कि सूर्यवंशी ही दोबारा बल्लेबाजी करने उतरेंगे, क्योंकि वह इस टूर्नामेंट में भारत A के सबसे भरोसेमंद और सबसे तेज रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे हैं। लेकिन हुआ उल्टा कप्तान जितेश शर्मा खुद रमनदीप सिंह के साथ बल्लेबाजी के लिए उतर आए।
सुपर ओवर की पहली ही गेंद पर जितेश आउट हो गए और फिर तीसरे नंबर पर आए आशुतोष शर्मा भी गोल्डन डक पर चलते बने। भारत A की सुपर ओवर पारी सिर्फ दो गेंदों में 0 रन पर सिमट गई, और दूसरी तरफ भारत के गेंदबाज सुयश शर्मा की एक वाइड गेंद ने बांग्लादेश A को मैच जितवा दिया।
सूर्यवंशी डगआउट में बेचैन होकर पूरी स्थिति देखते रहे, और फैंस भी यही पूछते दिखे आखिर उन्हें भेजा क्यों नहीं गया?
मैच के बाद पोस्ट-मैच प्रैजेंटेशन में कप्तान जितेश शर्मा ने इस फैसले पर सफाई देते हुए कहा, “हमारी टीम में वैभव और प्रियांश पावरप्ले के मास्टर हैं। वहीं डेथ ओवर्स में अशु और रमन बेहतरीन हिटर हैं। सुपर ओवर में कौन जाएगा, यह टीम का सामूहिक फैसला था, और अंतिम कॉल मेरी थी।”
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वहीं, जितेश ने अपनी जिम्मेदारी भी स्वीकार की। उन्होंने मैच में 22 गेंदों पर 33 रन बनाए और टीम को जीत की ओर ले जा रहे थे, लेकिन 15वें ओवर में आउट होकर लौट गए। उन्होंने साफ कहा, “एक सीनियर होने के नाते मुझे मैच खत्म करना चाहिए था। जीत-हार से ज्यादा यहाँ सीखने की बात है। ये युवा खिलाड़ी आगे चलकर भारत को वर्ल्ड कप भी जीतवा सकते हैं। टैलेंट के मामले में ये आसमान छू रहे हैं।”