यू-19 वर्ल्ड कप : जिम्बाब्वे का बल्लेबाज हुआ मांकड़ आउट
चटगांव, 2 फरवरी | बांग्लादेश की मेजबानी में चल रहे आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के एक मैच में मंगलवार को जिम्बाब्वे के बल्लेबाज रिचर्ड नगारावा मांकड़ आउट कर दिए गए। रिचर्ड जहूर अहमद चौधरी स्टेडिय में हुए ग्रुप मुकाबले में आखिरी विकेट के रूप में पवेलियन लौटे। रिचर्ड को वेस्टइंडीज के गेंदबाज कीमो पॉल ने मांकड़ आउट का शिकार बनाया। उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर, 1947 को आस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के गेंदबाज वीनू मांकड़ ने पहली बार इस तरह किसी बल्लेबाज को आउट किया था, जिसके बाद इसे मांकड़ विकेट नाम ही दे दिया गया।
गेंदबाज गेंद फेंकने के दौरान गेंदबाजी छोर पर खड़े बल्लेबाज के क्रीज छोड़ देने पर गेंद फेंकने से पहले रन आउट कर देता है तो उसे मांकड़ आउट कहते हैं। कीमो के इस सूझबूझ भरे रन आउट की बदौलत वेस्टइंडीज टीम दो रन से यह मैच जीतने में सफल रही और टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई।
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में नौ विकेट खोकर 226 रन बनाए, जबकि जिम्बाब्वे की टीम 49 ओवरों में 224 रन पर ढेर हो गई। कीमो ने आखिरी ओवर की पहली गेंद पर रिचर्ड को मांकड़ आउट किया। कीमो की अपील पर फील्ड अंपायरों ने पहले कैरेबियाई कप्तान ब्रैंडन मावूता से पूछा कि क्या वह रन आउट की अपील वापस ले रहे हैं। मावूता के अपील वापस लेने से इनकार करने पर निर्णय लेने की जिम्मेदारी थर्ड अंपायर को सौंपी गई।
थर्ड अंपायर ने टीवी रीप्ले में पाया कि कीमो ने जब विकेट की गिल्लियां बिखेरीं उस समय रिचर्ड तेजी से रन चुराने की कोशिश में क्रीज छोड़ चुके थे और उन्हें आउट करार दे दिया गया। मावूता मैच के परिणाम से काफी हताश नजर आए हालांकि उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। मावूता ने मैच के बाद कहा, "हम जीत के काफी नजदीक पहुंच चुके थे। इस बारे में मुझे कुछ नहीं कहना। अभी मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है।" अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के कई दिग्गजों ने हालांकि इस तरह रिचर्ड को आउट किए जाने पर निराशा जताई है और कैरेबियाई टीम के अपील वापस न लेने के फैसले की आलोचना की है।
एजेंसी