वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड का नया ऐलान, कई स्टार खिलाड़ियों के खिलाफ लिया ऐसा निर्णय
सैंट जॉन्स (एटिं), 10 नवंबर। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) ने विदेशी भूमि पर घरेलू टूर्नामेंटों खेल रहे अपने टी-20 खिलाड़ियों के अनुबंध फीस पर 20 प्रतिशत लेवी लगाने के अपने फैसले का बचाव किया है। बोर्ड का कहना है कि इससे हासिल होने वाले राजस्व को प्रदेशों में खेल रहे खिलाड़ियों के विकास में इस्तेमाल किया जाएगा। सीएमसी की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को डब्ल्यूआईसीबी की ओर से जारी हुए इस बयान में कहा गया कि इसमें से कुछ धन प्रदेशों को वितरित किया जाएगा, ताकि नई प्रतिभा को खोजा जा सके।
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डब्ल्यूआईसीबी के इस कदम के तहत टी-20 प्रारूप में खेलने वाले खिलाड़ियों के अनुबंध फीस से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के स्थान पर 20 प्रतिशत लेवी ली जाएगीा। खिलाड़ियों को इस प्रमाण पत्र से टी-20 टूर्नामेंटों में खेलने की अनुमति मिलेगी।
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अपने एक बयान में डब्ल्यूआईसीबी ने कहा, "इस धन का एक हिस्सा खिलाड़ियों के विकास कार्य में लगे क्लबों को जाएगा और इसके साथ ही उन्हें नई प्रतिभाओं की खोज के लिए भी मदद दी जाएगी।" डब्ल्यूआईसीबी ने कहा कि उसने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सदस्यों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और अध्यक्षों को अपनी नई नीति के बारे में जानकारी दे दी है।
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बयान में यह भी बताया गया है कि अभी तक इस फीस को देने के हक में भारत और बांग्लादेश ने ही हामी भरी है। रिपोर्टों से यह भी जानकारी मिली है कि डब्ल्यूआईसीबी की इस नई नीति को दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट ने मानने से इनकार कर दिया है और पाकिस्तान तथा आस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड से भी कोई जानकारी नहीं मिली है। अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी महासंघ (एफआईसीए) ने डब्ल्यूआईसीबी के इस कदम की आलोचना की है और साथ ही इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।