क्या सिर्फ टूर पर घूमने के लिए जाते हैं अभिमन्यू ईश्वरन? एक मौके के लिए तरस गया है ये खिलाड़ी
इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों के बाद, टीम इंडिया सीरीज़ में 1-2 से पिछड़ रही है। सीरीज़ में दो टेस्ट मैच बाकी हैं, लेकिन बंगाल के बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन को अभी भी अपने पहले मौके का इंतज़ार है। ईश्वरन पिछले कई दौरों पर भारतीय टीम के साथ तो रहे हैं लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका नहीं मिला है और अब तो क्रिकेट पंडितों के साथ-साथ फैंस ने भी सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में आवाज़ उठानी शुरू कर दी है।
इसी कड़ी में भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पूर्व कोच डब्ल्यूवी रमन ने टीम प्रबंधन से टीम में ईश्वरन की भूमिका और भविष्य को स्पष्ट करने की अपील की है। आठ साल के लंबे ब्रेक के बाद, करुण नायर ने टीम इंडिया की टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर ली, लेकिन अभिमन्यु ईश्वरन की किस्मत उनसे रूठी हुई नजर आ रही है। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले ईश्वरन ने अभी तक टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण नहीं किया है और भारत की प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने का इंतज़ार कर रहे हैं।
बंगाल के इस बल्लेबाज ने पहले ही भारत ए टीम का नेतृत्व किया है और बड़े मंच पर शानदार प्रदर्शन किया है। इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज़ में वो अभी भी बेंच पर हैं। फैंस को सबसे ज्यादा बुरी बात ये लग रही है कि ईश्वरन को टीम के साथ स्क्वॉड में तो रखा जाता है लेकिन मौका नहीं दिया जाता जबकि उनसे पहले बाकी खिलाड़ी लगातार खेलते हुए नजर आ रहे हैं।
रेवस्पोर्ट्ज़ से बात करते हुए, डब्ल्यूवी रमन ने कहा, "अभिमन्यु ईश्वरन जैसे खिलाड़ी को लगातार मौके देना उचित है। एक-दो टेस्ट मैच किसी व्यक्ति या टीम के लिए कारगर नहीं होंगे। लोगों को उनके बारे में फैसला लेना होगा। बेशक, किसी क्रिकेटर को लगातार दौरे पर ले जाने और उसे मौके न देने का कोई मतलब नहीं है। टीम प्रबंधन भी किसी एक खिलाड़ी के साथ क्या करना है, ये तय नहीं कर पा रहा है। मैं ये नहीं कह रहा कि अभिमन्यु अच्छा नहीं है। बेहतर होगा कि निर्णय लेने वाले किसी निष्कर्ष पर पहुंचें और तय करें कि वो असल में क्या है।"
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उन्होंने अपनी बात खत्म करते हुए कहा, "वो लंबे समय से घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। वो ए टीम का हिस्सा रहा है। उसे ए टीम का कप्तान भी बनाया जा रहा है, जिसका मतलब है कि वो उसे रेटिंग देते हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि उसे स्वीकृति नहीं मिल रही है।"