फटे और चरमराये जूते को लेकर बल्लेबाज ने रोया अपना दुखड़ा, सोशल मीडिया पर मदद के लिए लगाई गुहार
क्रिकेट खेलने वाले में ना सिर्फ भारत,ऑस्ट्रेलिया , इंग्लैंड और न्यूजीलैंड जैसे बड़े क्रिकेट बोर्ड्स है बल्कि स्कॉटलैंड, जिम्बाब्वे, नीदरलैंड जैसे देश भी है। इन छोटे देशों की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इनके क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधा नहीं दे पाते और ना ही समय पर उनकी जरूरतें पूरी कर पाते हैं।
इसी बीच जिम्बाब्वे के लिए साल 2017 में डेब्यू करने वाले बाएं हाथ के बल्लेबाज रयान बर्ल ने अपने देश की क्रिकेट गरीबी का हाल क्रिकेट फैंस के सामने दिखाया है।
बर्ल ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर की जिसमें फटे और चरमराए जूते नजर आ रहे हैं। साथ में उन्होंने पास में एक ग्लू स्टिक रखा है। फ़ोटो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि उन लोगों को भी कोई स्पॉन्सर चाहिए ताकि हर सीरीज के बाद ऐसे ग्लू से फटे हुए जूते को ना चिपकाना पड़े।
ट्विटर पर दुख जताते हुए उन्होंने लिखा," क्या ऐसा हो सकता है कि हमें भी स्पॉन्सर मिल जाए ताकि हमें हर सीरीज के बाद जूतों को ऐसे चिपकाना ना पड़े।"
जिम्बाब्वे क्रिकेट की हालत अन्य कई छोटे क्रिकेट देशों जैसी है। वहां के क्रिकेट बोर्ड्स के पास इतना पैसा नहीं है कि वो इन सभी चीजों पर ध्यान दे। श्रीलंका और वेस्टइंडीज के बोर्ड भी ऐसे ही देशों में शामिल है जहां खिलाड़ियों को समय पर वेतन नहीं मिल पाता। बड़े दौरे पर जाने से पहले सारी सुख सुविधाएं नहीं होती और बहुत बार घरेलू सीरीज में भी वो मेहमान टीम का स्वागत सही से नहीं कर पाते।