वर्ल्ड कप फ्लैशबैक: एक नजर 1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप पर
साल 1992 में वर्ल्ड कप का पांचवा संस्करण खेला गया। वर्ल्ड कप का यह संस्करण कई मायनों में खास रहा। इस वर्ल्ड कप में पहली बार हुआ जब खिलाड़ी रंगीन कपड़ों में नजर आए। पाकिस्तान फाइनल में इंग्लैंड को मात देकर पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी।
पहली बार वर्ल्ड कप में सफेद गेंद और "ब्लैक साइट स्क्रीन" का इस्तेमाल हुआ। इस वर्ल्ड कप में पहली बार डे-नाइट मैच खेले गए।
इस बार टूर्नामेंट में कुल 9 टीमों ने हिस्सा लिया जिसकी वजह से फॉर्मेट में भी बदलाव देखने को मिला। 'ग्रुप स्टेज" मैच की जगह टीमों के बीच "राउंड रोबिन" मुकाबलें हुए। इन टीमों में भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज, पाकिस्तान, जिम्बाब्वे तथा पहली बार साउथ अफ्रीका की टीम भी शामिल हुई।
राउंड रोबिन मुकाबलों में सभी टीमों के बीच कड़ी टक्कर के बाद न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका तथा पाकिस्तान ने सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई।
पहला सेमीफाइनल - न्यूज़ीलैंड बनाम पाकिस्तान
पहला सेमीफाइनल मुकाबला पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड के बीच ऑकलैंड के मैदान पर खेला गया। न्यूज़ीलैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 262 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया। 263 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम ने 49 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर लक्ष्य को हासिल किया।
पाकिस्तान की तरफ से इंजमाम-उल-हक को उनकी 37 गेंदों में 60 रनों रनों की तेज -तर्रार पारी के लिए "मैन ऑफ द मैच का" अवॉर्ड मिला।
दूसरा सेमीफाइनल - इंग्लैंड बनाम साउथ अफ्रीका
सिडनी के मैदान पर साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया। बारिश के कारण मैच को 45-45 ओवरों का किया गया और इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट के नुकसान पर 252 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम को जब 13 गेंदों में 22 रनों की आवश्यकता थी तब मैच में बारिश ने बाधा डाली।
10 मिनट की बारिश के बाद जब खेल फिर से शुरू हुआ तब साउथ अफ्रीका को 1 गेंद में 21 रनों का असंभव "संशोधित लक्ष्य" मिला। जिसके चलते इंग्लैंड ने आसानी से 19 रन से जीत हासिल करते हुए फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित की। इंग्लैंड के ग्रीम हिक को उनकी 83 रन की बेहतरीन पारी के लिए 'मैन ऑफ द मैच" का अवॉर्ड मिला।
फाइनल - इंग्लैंड बनाम पाकिस्तान
25 मार्च को मेलबर्न के मैदान पर पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 6 विकेट पर 249 रन बनाए।
250 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम नियमति अंतराल पर अपने विकेट खोती रहीं पर पूरी टीम 227 रनों पर ऑल आउट हो गयी।
पाकिस्तान ने मैच को 22 रनों से अपने नाम करते हुए पहली बार वर्ल्ड कप की ट्रॉफी उठायी। पाकिस्तान के वसीम अकरम को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए (33 रन तथा 3 विकेट ) के लिए "मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड" मिला।