आमिर के जज्बे को CRICKETNMORE का सलाम

Updated: Tue, Oct 04 2016 14:31 IST

अक्टूबर 04, नई दिल्ली (CRICKETNMORE): यदि हौसले मजबूत हो तो आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने में कोई रोक नहीं सकता है। इस जुमले पर पूरी तरह से फीट बैठते हैं श्रीनगर से 42 किमी दूर वैगम गांव के क्रिकेटर आमिर हुसैन। पिता के आरा मशीन में एक हादसे का शिकार होकर आमिर ने दोनों हाथ गंवा दिए। लेकिन इस बड़े हादसे ने जांबाज क्रिकेटर के मजबूत इरादे को टस से मस नहीं कर पाया।

आमिर जम्मू एवं कश्मीर पारा क्रिकेट टीम में कप्तान हैं। बगैर दोनों हाथो के इन्हें क्रिकेट खेल में दक्षता हासिल है। आमिर अपने बाएं कंधे और सिर के बीच में बल्ले को फंसाकर बल्लबाजी करते हैं।

वे क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के दिवाने हैं। उनका फेवरेट शॉट भी वहीं है जिसे सचिन अच्छी तरह से खेला करते थे। आमिर स्क्वॉयर लेग की दिशा में फ्लिक उसी अंदाज में करते हैं जैसे सचिन अपनी बल्लेबाजी के दौरान किया करते थे। गेंदबाजी के समय वे अपने दाएं पैर का इस्तेमाल करते हुए लेग स्पिन गेंदबाजी करते हैं।

आमिर ने बचपन में क्रिकेट की दुनिया में बड़ा हस्ताक्षर बनने का सपना देखा था। लेकिन पिता की आरा मशीन में हुए भयानक हादसे ने 3 साल के लिए उनके जीवन को गुमनामी के दलदल में डाल दिया।

ये हादसा तब हुआ जब आमिर अपने पिता की आरा मिल में अपने भाई को लंच देने के लिए गए, इस दौरान आमिर के भाई लंच कर रहे थे और उन्होंने बल्ले को तैयार करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली मशीन चालू कर दी। तभी उनके दोनों हाथ कन्वेयर बेल्ट में फंसकर कट गए।

ऐसा लगा कि एक होनहार क्रिकेटर के सपनो का अंत हो गया। लेकिन 26 वर्षीय आमिर ने ये जरूर साबित कर दिया कि अपने अंदर कुछ करने की चाह हो तो हाथ बहुत छोटी चीज है, केवल सांसे चलनी चाहिए।

क्रिकेट की दुनिया में आमिर ऊंची उड़ान भरना चाहते हैं। लेकिन मौजूदा वक्त में वे कई तरह की दिक्कतों से जुझ रहे हैं। आर्थिक तंगी के अलावा अच्छी खानपान न हो पाना उनके लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। आमिर की माली हालत बेहद खराब है और इस वजह से वे बेहतर कोच से ट्रेनिंग ले पाने में सक्षम नहीं हैं। भारत में क्रिकेट प्रेमियों के बीच आमिर काफी लोकप्रिय हैं। यहां तक कि भारत के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली ने ट्वीट कर उनके हौसले को सलाम किया है।

साल 2013 में आमिर को जम्मू एवं कश्मीर परा क्रिकेट टीम का कप्तान चुना गया।

आमिर दैनिक जीवन के सभी कामों को अपने पैरों से करते हैं। बालों में कंघी करने से लेकर चेहरे में साबुन लगाने तक सारा काम उन्हें अपने पैरों से ही करना पड़ता है। आमिर कलम को अपने पैर की उंगलियों में फंसा कर लिखते हैं। उनकी लिखावट इतनी शानदार है कि देखने वाले को अपनी आंखों पर यकीन न हो।

आमिर के इलाज के पिछे काफी पैसे जा रहे थे और उस दौरान लोगों ने उनके पिता से कहा कि बेहतर है इसे जहर देकर मार डालिए। आमिर ने खुद एक वीडियो में इस बात की जानकारी दी है।
आमिर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बहुत बड़े फैन हैं।

कश्मीर के आमिर न सिर्फ कुदरत के खिलवाड़ से लड़ रहे हैं, बल्कि अतित में समाज ने भी उन्हें वेदनाएं दी हैं। वे बताते हैं कि एक रोज पड़ोस में किसी के घर टीवी देखने गए और सचिन उन्हें बल्लेबाजी करते दिखे। सचिन को देख आमिर बेहद खुश हुए। लेकिन जिनके घर वे टीवी देखने गए थे उन्होंने टीवी बंद कर उन्हें वहां से जाने को कहा दिया। आमिर दुखी होकर चल दिए। वे आगे बताते हैं कि खिड़की के बीच के छोटे सुराग से सचिन को खेलते देखते थे।

बड़ा सवाल ये है कि जिस क्रिकेट खेल में अपना भविष्य बनाने के लिए शारीरिक तौर सक्षम लोग अपने जीवन का लंबा समय लगाकर भी कुछ हांसिल नहीं कर पाते वही दूसरी ओर लाचार आमिर इतने कम समय में इस खेल में पारंगत हो गए हैं।

यदि वक्त रहते इस प्रतिभा की कद्र नहीं की गई, इन्हें प्रोत्साहन नहीं मिला तो वो दिन दूर नहीं जब आमिर के टूटते हुए सपनों के साथ पारा क्रिकेट में देश का अस्तित्व भी खतरे में हो आ जाएगा।

डिजायर्ड विंग्स नामक संस्था आमिर को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए बड़ी शिद्दत के साथ जुटी है। फंड जुटाने से लेकर आमिर के बारे में दुनिया को बताने तक डिजायर्ड विंग्स की पहल सराहनीय है। बतौर मीडिया पार्टनर इस संस्था के साथ जुड़कर Cricketnmore भी गर्व महसूस कर रहा है।

Cricketnmore की पूरी टीम आमिर के जज्बे को सलाम करती है और तमाम लोगों से गुजारिश करती है, वो सामने आएं और आमिर को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में मदद करें।

कुमार प्रिंस मुखर्जी

 

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