गिल्लियों को बाउंड्री पर पहुंचाने वाला वो पहला बॉलर, जिसके नाम से थर-थर कांपते थे बल्लेबाज़
अगर हम क्रिकेट इतिहास के पन्नों को खंगालेंगे तो पाएंगे कि कई ऐसे बॉलर थे जिनका नाम सुनकर ही बल्लेबाज़ों की टांय-टांय फिस्स हो जाती थी लेकिन आज हम आपको एक गेंदबाज़ के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम नहीं बल्कि काम देखकर भी बल्लेबाज़ थर-थर कांपते थे। जिस गेंदबाज़ की हम बात कर रहे हैं हम उससे बल्लेबाज़ ही नहीं बल्कि उसकी खुद की टीम के विकेटकीपर भी डरते थे।
जी हां, हम बात कर रहे हैं इंग्लैंड के तेज़ गेंदबाज़ रॉबर्ट बरोस की, जो बल्लेबाज़ों का काल थे। उनकी रफ्तार इतनी थी कि एक बार तो गेंद स्टंप्स पर लगने के बाद गिल्लियां बाउंड्री तक पहुंच गई थी। बरोस दुनिया के पहले ऐसे बॉलर थे जिन्होंने गिल्लियों को बाउंड्री तक पहुंचाया था। बरोस ने ये गेंद इंग्लिश काउंटी टीम वॉस्टरशायर के लिए खेलते हुए 1911 में डाली थी। ये मुक़ाबला लंकाशायर और वॉस्टरशायर के बीच खेला गया था।मेनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए इस मुकाबले में बरोस ने रफ्तार का ऐसा नमूना पेश किया कि गेंद स्टम्प के ऊपर लगने के बाद गिल्लियों को बाउंड्री के पार 61 मीटर से ज्यादा दूर ले गई।
बरोस की ये गेंद इतिहास के पन्नों में ऐसे दर्ज हो गई कि आज तक इस गेंद के बारे में बात की जाती है। बरोस की इस गेंद पर 55 रन बनाने वाले विलियम हिडलस्टन आउट हुए थे और जिस तरह से वो आउट हुए वो आज भी फैंस को उत्साहित कर देता है। इस मैच में रॉबर्ट बरोस ने 89 रन देकर तीन विकेट झटके थे। हालांकि, उनके तीन विकेटों में सबसे ज्यादा चर्चा हिडलस्टन के विकेट की हुई। क्रिकेट इतिहास में ये पहली बार था जब किसी गेंदबाज ने गिल्लियों को सीमा रेखा के पार पहुंचाया था।
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अगर रॉबर्ट बरोस के करियर की बात करें तो अपनी काउंटी टीम वॉस्टरशायर के लिए खेलते हुए उन्होंने 277 मैचों में 26.40 की औसत से 894 विकेट चटकाए थे। इस दौरान उन्होंने एक पारी में 48 रन देकर 8 विकेट भी लिए थे। वहीं, बल्लेबाजी की बात करेें तो वो इतने खराब बल्लेबाज़ भी नहीं थे। बरोस ने 277 मैचों की 436 पारियों में 14.07 की औसत से 5223 रन बनाए।