राहुल द्रविड़ का वो E-Mail, जिसने इंग्लैंड के दिग्गज केविन पीटरसन की बल्लेबाजी बदल कर रख दी
भारत की न्यूजीलैंड से घरेलू टेस्ट सीरीज में हार का नतीजा- कुछ दिन का शोर और फिर ऑस्ट्रेलिया में उम्मीद की चर्चा में सब भूल जाएंगे। अगर इस सीरीज ने कुछ सोचने पर मजबूर किया है तो वह ये कि भारत के स्पिन खेलने के मशहूर बल्लेबाज अपनी पिचों पर भी स्पिन को क्यों नहीं खेल पाए? क्या खुद कोच गौतम गंभीर के पास कोई ऐसा इनपुट था जो वे इन जूझते बल्लेबाज को देते? सुनील गावस्कर ने कुछ ही महीने पहले लिखा था कि आज के बल्लेबाज इतने 'बड़े' हो गए हैं कि किसी भी तकनीकी दिक्कत में खुद किसी भी सीनियर का दरवाजा नहीं खटखटाते। ये भी भरोसा नहीं कि अपने आप कोई सलाह दो तो उसे सुनेंगे भी! इसीलिए सीनियर भी चुपचाप तकनीकी कमजोरी का तमाशा देखते हैं और खुद सलाह देने के लिए वालंटियर नहीं करते।
एक स्टोरी खुद बता देगी कि क्या कहने की कोशिश है?
भले ही केविन पीटरसन का एक बल्लेबाज के तौर पर रिकॉर्ड कई जानकार की नजर में 'महान' न हो (104 टेस्ट में 8181 रन 47+ औसत से 23 शतक के साथ) पर ये रिकॉर्ड उन्हें आधुनिक दौर के ऐसे सबसे बेहतरीन बल्लेबाज में से एक साबित करता है जो हर तरह की गेंदबाजी खेले। उन के टेस्ट आउट के ब्रेक-अप को देखें तो 181 पारी में 29 बार उन्हें किसी न किसी खब्बू स्पिनर ने आउट किया पर ऐसे गेंदबाजों के विरुद्ध 52.86 औसत से रन भी बनाए। इसलिए ये नहीं कहेंगे कि खब्बू स्पिनर उन पर हावी रहे पर ये मानना होगा कि इनके सामने वे कई बार मुश्किल में दिखाई दिए- ख़ास तौर पर तब, जब गेंदबाज की आर्ट के बारे में पहले से कुछ नहीं जानते थे।
ब्रिटिश अख़बारों में उनकी इस दिक्कत की चर्चा अक्सर हुई और विश्वास कीजिए तब किसने उन्हें सलाह दी- टीम इंडिया की 'वॉल' और टीम इंडिया के पिछले कोच राहुल द्रविड़ ने। खब्बू स्पिन के सामने उनकी मुश्किल पर राहुल द्रविड़ ने उन्हें एक लंबा ईमेल लिखा। एक बड़ा अनोखा और ख़ास सुझाव दिया द्रविड़ ने- नेट्स पर अपनी टीम के स्पिनरों ग्रीम स्वान (दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर) और मोंटी पनेसर (खब्बू धीमे आर्थोडॉक्स) को बिना पैड पहने खेलो (डर लग रहा हो तो बस नी पैड पहन लो)। ऐसा क्यों? हर वक्त डर लगा रहेगा कि गेंद टांग में न लगे अन्यथा चोट लगेगी और तब आप मजबूरी में, बैट को पैड से फॉरवर्ड लाएंगे और गेंद को तब जितने ध्यान से खेलेंगे- वैसा पहले कभी नहीं किया होगा।
2010 में बांग्लादेश के विरुद्ध टेस्ट सीरीज में खराब प्रदर्शन (शाकिब-अल और अब्दुल रज्जाक दोनों उन्हें परेशान कर रहे थे) के बाद पीटरसन ने किसी इंग्लिश कोच से नहीं, द्रविड़ से मदद मांगी। पीटरसन ने लिखा- स्पिन खेलने के लिए द्रविड़ की सलाह ने उनके लिए दुनिया बदल दी।
ऐसा क्या हुआ था कि राहुल द्रविड़ ने पीटरसन को ये सलाह दी? द्रविड़ ने ये भी नोट किया कि भारत टूर पर जब अनिल कुंबले ने पीटरसन को तीन बार आउट किया तो भी गड़बड़ थी। केविन पीटरसन जैसे दाएं हाथ के बल्लेबाज को स्पिनरों को खेलने में जूझने पर उनका सीधा सा संदेश था कि खुद गेंदबाज की लेंथ चुनो। इस एक सलाह ने पीटरसन को स्पिन खेलने के सबसे बेहतर बल्लेबाज में से एक की मशहूरी दिलाई। पीटरसन ने एशिया में 4 टेस्ट 100 लगाए और स्पिन खेलने की आर्ट के बिना ऐसा रिकॉर्ड नहीं बन सकता था। द्रविड़ की सलाह से सिर्फ पीटरसन ने नहीं सीखा- उन्होंने लिखा कि जो नेट्स पर मुझे गेंदबाजी कर रहे थे, उन्होंने भी बहुत कुछ सीखा।
जब इंग्लैंड के ओपनर डॉम सिबली और जैक क्रॉली, 2021 में श्रीलंका के स्पिनरों के सामने जूझ रहे थे (दोनों तब तक अपनी 3 पारी में लसिथ एम्बुलडेनिया की खब्बू स्पिन पर आउट हुए थे और हर बार दोनों दो अंक की गिनती वाले स्कोर पर भी नहीं पहुंचे थे) तो केविन पीटरसन ने राहुल द्रविड़ का ये ईमेल इंग्लिश टीम मैनेजमेंट को इस सलाह के साथ फॉरवर्ड कर दिया कि इसका प्रिंट सिबली और क्रॉली से शेयर करो, उन्हें जरूर फायदा होगा। ये ऑफर भी दिया कि जरूरत हो तो इस पर और चर्चा के लिए उन्हें बुला सकते हैं।
पीटरसन ने इस सलाह को सिर्फ अपने फायदे में इस्तेमाल नहीं किया- इसे अपनी किताब 'केपी: द ऑटोबायोग्राफी (KP: The Autobiography)' में भी लिखा। जब पीटरसन ने ये सब लिखा तो जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ततेंदा ताइबू ने भी अनिल कुंबले की स्पिन के सामने द्रविड़ से मिली सलाह शेयर कर दी। वे भारत में, अपने पहले दो टेस्ट में, कुल 4 में से कुंबले के सामने तीन बार आउट हुए तो उन्हें द्रविड़ ने पैड से आगे, बैट से खेलने की सलाह दी थी। एक मैच के बाद, ड्रिंक्स के दौरान द्रविड़ ने उन्हें कहा कि कुंबले को एक धीमे मीडियम पेसर गेंदबाज की तरह खेलो लेकिन बैट को पैड के सामने रखते हुए और गेंद को बहुत करीब से देखना है। जब ताइबू ने इसकी प्रेक्टिस की उन्हें अपने आप गेंद को देखने के लिए ज्यादा समय मिल गया।
पीटरसन और द्रविड़ 2009 और 2010 आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम में एक साथ थे और अच्छी दोस्ती हुई। पीटरसन को मालूम था कि स्पिन खेलने की मुश्किल में उन्हें द्रविड़ से बेहतर सलाह और कोई नहीं दे सकता।
Also Read: Funding To Save Test Cricket
द्रविड़ को ये सबक किसने दिया था? उनके कोच ने- 'वे कहते थे कि स्पिन खेलने के लिए कभी भी पैड की जरूरत नहीं होनी चाहिए!! गेंद को देखो और खुद पर भरोसा रखो। किसी को ये मत कहने दो कि तुम स्पिन नहीं खेल सकते।' आपको बता दें कि केविन पीटरसन प्यार से राहुल द्रविड़ को 'डेविड फॉरएवर' कहते हैं।