वर्ल्ड कप फ्लैशबैक: जब भारत के खिलाफ हैंसी क्रोनिए ने चली थी ये अनोखी चाल

Updated: Wed, May 29 2019 16:07 IST
Hansie Cronje’s innovative tactic in 1999 World Cup (Google Search)

मौजूदा समय में दुनियाभर की टी-20 लीग में खिलाड़ी मैच में फील्डिंग के दौरान 'ईयर पीस' की मदद से कॉमेंटेटर्स से बात करते हुए नजर आते हैं। लेकिन इस तकनीक का इस्तेमाल वर्ल्ड कप में 20 साल पहले ही हो चुका था। 

1999 वर्ल्ड कप के दौरान साउथ अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोनिए और एलन डोनाल्ड ने इस तकनीक का इस्तमाल किया था। हालांकि इसके पीछे का उनका उद्देश्य गलत तरीके से अपनी टीम को फायदा पहुंचाना था। जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया था। 

15 मई साल 1999 को साउथ अफ्रीका की टीम भारत के खिलाफ टूर्नामेंट का अपना पहला मुकाबला खेलने बृहटन के मैदान पर उतरी। भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुददीन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और भारत की तरफ से सौरव गांगुली तथा सचिन तेंदुलकर की जोड़ी ओपनिंग करने उतरी। 

साउथ अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोनिए और तेज गेंदबाज एलन डोनाल्ड अपने कानों में 'ईयर पीस' लगाकर मैदान पर फील्डिंग करने उतरे। उन्होंने ऐसा इसलिए किया था ताकि वो मैदान पर फील्डिंग करते हुए भी ड्रेसिंग रूम में बैठे अपने कोच बॉब वूल्मर से मैच के बारें में सलाह ले सकें। 

 

इस दौरान मेंट्री कर रहे कॉमेंटेटर्स को यह बात नोटिस करने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगा। ड्रिंक ब्रेक होने से कुछ ओवर पहले भारतीय ओपनर सौरव गांगुली ने भी यह भांप लिया की क्रोनिए किसी से बात कर रहे हैं। उन्होंने यह जानकारी अंपायर को दी और फील्ड पर मौजूदा अंपायर स्टीव बकनर और डेविड शेफर्ड क्रोनिए से बात करने गए। क्रोनिए ने यह माना कि वो 'ईयर पीस' का इस्तेमाल कर रहे है और साथ में उन्होंने ये भी कहा कि "यह करना गलत है या सही मुझें नहीं पता"। 

बाद में मैच रेफरी तलत अली को आना पड़ा और उनके अनुसार क्रोनिए का ऐसा करना आईसीसी के नियमों के खिलाफ नहीं था लेकिन यह खेल की शोभा जरूर खराब कर रहा था। बाद में मैच रेफरी के आदेश पर क्रोनिए और डोनाल्ड दोनों ने ही अपने-अपने 'ईयर पीस' निकाल दिए थे।

भारत को इस मैच में साउथ अफ्रीका के हाथों 4 विकेट से हार मिली। मैच खत्म होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बॉब वूल्मर ने सबसे माफी मांगी और कहा कि " मैं सिर्फ अपने खिलाड़ियों को सलाह दे रहा था, इससे ना तो बल्लेबाज परेशान हो रहे थे और ना हीं कप्तान। शायद मुझें ऐसा करने से पहले आईसीसी से अनुमति लेनी चाहिए थी।"
 

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