डालमिया ने दी थी क्रिकेट को नई पहचान
बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने रविवार शाम को दुनिया को अलविदा कह दिया। 75 वर्षीय डालमिया को सीने में दर्द की शिकायत के बाद गुरुवार देर रात बी. एम. बिड़ला अस्पताल में दाखिल किया गया था। उसी दिन से वह आईसीयू में थे। डालमिया भारत के सर्वश्रेष्ठ खेल प्रशासकों में से एक माने जाते थे और उन्ही के कार्यकाल में भारतीय क्रिकेट ने नई ऊचाईयां छुई थी। आइए जानते हैं जगमोहन डालमिया से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
जगमोहन डालमिया का जन्म 30 मई 1940 को कोलकाता में हुआ था।
जगमोहन डालमिया ने ब्यूरोक्रेट इंद्रजीत सिंह बिंद्रा के साथ मिलकर 1987 औऱ 1996 वर्ल्ड कप की मेजबानी भारतीय उपमहाद्वीप के देशों को दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
साल 1983 में जगमोहन डालमिया को बीसीसीआई का का कोषाध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को व्यवसायीकरण करके दुनिया का ध्यान भारतीय उपमहाद्वीप की ओर केंद्रित किया था। डालमिया के नेतृत्व में ही बीसीसीआई सबसे शक्तिशाली क्रिकेट संस्था बनी थी ।
जगमोहन डालमिया का जन्म कोलकाता के एक बड़े मारवाड़ी बनिया परिवार में हुआ था। उन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी करी। डालमिया ने अपने करियर की शुरूआत एक विकेटकीपर के तौर पर करी थी और वह कोलकाता के कई क्रिकेट क्लबों के लिए खेले। इस दौरान उन्होंने एक दोहरा शतक भी जड़ा था। क्रिकेट के बाद उन्होंने अपने पिता की फर्म एम एल डालमिया एंड कंपनी को संभाला और उसे भारत के शीर्ष निर्माण कंपनियों में से एक बनाया । डालमिया की कंपनी ने साल 1963 में कोलकत्ता के एमपी बिरला तारामंडल का निर्माण किया था।
साल 1997 में जगमोहन डालमिया को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) का अध्यक्ष चुना गया था। तीन साल तक इस पद पर रहने के बाद साल 2000 में उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था।
साल 2001 में जगमोहन डालमिया पहली बार बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने गए थे। अपने कार्यकाल के दौरान वह भारतीय क्रिकेट को नई बुलंदियों पर लेकर गए।
2005 में डामलिया का कार्यकाल खत्म होने के बाद एनसीपी शरद पवार बीसीसीआई अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 1996 वर्ल्ड कप की मेजबानी में पैसौं की हेराफरी के चलते उन्हें बीसीसीआई से निकाल दिया गया था। 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था । जिसके बाद वह क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष चुने गए थे।
10 साल के बाद 2 मार्च 2015 को जगमोहन डालमिया एक बार दोबारा बीसीसीआई अध्यक्ष चुने गए थे।
डालमिया को हमेशा ऐसे शख्स के रूप में याद किया जाएगा जिसने बीसीसीआई और आईसीसी को यह सिखाया की किस तरह से क्रिकेट का व्यवसायीकरण किया जाए और कैसे क्रिकेट का वैश्विक विस्तार किया जाए।
सौरभ शर्मा