जिस ग्राउंड में गैरी सोबर्स ने 1 ओवर में 6 छक्के का रिकॉर्ड बनाया अब वहां कभी क्रिकेट नहीं खेला जाएगा

Updated: Wed, Aug 21 2024 11:11 IST
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क्रिकेट मैच के दौरान कोई नया रिकॉर्ड बनना कोई बड़ी बात नहीं पर कुछ रिकॉर्ड ख़ास ही होते हैं। इस लिस्ट में डॉन ब्रैडमैन की 99.94 टेस्ट औसत, ब्रायन लारा के एजबेस्टन 1994 में 501*, जिम लेकर के 1956 में ओल्ड ट्रैफर्ड में 19-90 और सर गारफील्ड सोबर्स (Sir Garfield Sobers) के 1968 में स्वानसी (Swansea) में एक ओवर में 6 छक्के जैसे रिकॉर्ड तो जानकार की नजर में अमानवीय जैसे हैं। सोबर्स के बाद भी, अब एक ओवर में 6 छक्के का रिकॉर्ड बन चुका है पर नोट कीजिए मौजूदा दौर में वनडे और टी20 की बदौलत 6 लगाना कोई बहुत बड़ा शॉट नहीं रह गया है- सोबर्स ने जब रिकॉर्ड बनाया तो कितने बल्लेबाज 6 लगाते थे?

 

जब गैरी सोबर्स के एक ओवर में 6 छक्के का जिक्र होता है तो गेंदबाज मैल्कम नैश या स्वानसी के उस मशहूर सेंट हेलेन्स ग्राउंड(St Helen’s Ground) को (जहां वह नॉटिंघमशायर-ग्लैमर्गन मैच खेला गया) को कितना याद किया जाता है? अब तो और भी भुलाने की स्कीम बन चुकी है और ये तय हो गया है कि जिस सेंट हेलेन्स ग्राउंड में सोबर्स ने ये रिकॉर्ड बनाया वहां आगे कभी क्रिकेट नहीं खेलेंगे। इस ग्राउंड के हिस्से में सिर्फ गैरी सोबर्स का ये अनोखा रिकॉर्ड ही नहीं है- जिस दौर में इंग्लैंड के लिए ऑस्ट्रेलिया को हराना मुश्किल मानते थे, यहां ग्लेमरगन ने टेस्ट खिलाड़ियों से भरी ऑस्ट्रेलिया इलेवन को एक नहीं, दो बार (1964 और 1968 में) हराया। अब यहां आगे क्रिकेट न खेलने की वजह है इसे पूरी तरह रग्बी टीम ऑस्प्रे (Ospreys’) के हवाले करना और इसी के साथ इस ग्राउंड का क्रिकेट से 150 साल पुराना जुड़ाव खत्म हो जाएगा। कुछ साल बाद तो इस ग्राउंड में क्रिकेट के निशान भी न दिखाई देंगे। 

वैसे ग्लैमर्गन ने 2019 से स्वानसी में कोई काउंटी क्रिकेट मैच नहीं खेला है। स्टेडियम स्थानीय काउंसिल का है और यहां क्रिकेट और रग्बी पिच एक साथ बनी हुई हैं। पिछले कुछ सालों में यहां क्रिकेट पर रग्बी हावी हुई जिस वजह से फर्स्ट क्लास क्रिकेट के लिए सुविधाएं कम होती जा रही थीं। कुछ दिन पहले ही ये घोषणा हुई कि ऑस्प्रेज़ रग्बी टीम, जो 2005 से स्वानसी सिटी के 21000 सीट वाले फुटबॉल स्टेडियम में खेल रही थी, अब सेंट हेलेन्स ग्राउंड को डेवलप करेंगे, ग्राउंड उनके कंट्रोल में रहेगा और इसी का नतीजा ये है कि अगले साल अगस्त के बाद सेंट हेलेन्स में कभी भी क्रिकेट नहीं खेला जाएगा। 2003 में ऑस्प्रेज ने सेंट हेलेन्स में रग्बी खेलना शुरू किया था और उनकी पसंद में ये टॉप पर है। इसीलिए वे अब यहां कई मिलियन पाउंड का इनवेस्टमेंट कर रहे हैं जिससे स्टेडियम में 4500 से 8000 तक सीट भी बढ़ जाएंगी। 4G पिच बनेगी और उसमें क्रिकेट पिच चली जाएगी।  

क्रिकेट पर लौटते हैं। स्वानसी क्रिकेट क्लब 1873 से सेंट हेलेन्स में खेल रहा है और अब वे पास के स्वानसी सिविल सर्विस क्रिकेट क्लब के साथ ग्राउंडशेयर करने की कोशिश कर रहे हैं। कई क्रिकेटर सेंट हेलेन्स की इस विदाई पर बड़े निराश हैं जिनमें गैरी सोबर्स भी हैं। इंग्लैंड के क्रिकेटर रॉबर्ट क्रॉफ्ट ने न सिर्फ जूनियर करियर की शुरुआत इस ग्राउंड पर की- 2010 में अपना 1000 वां फर्स्ट क्लास विकेट भी लिया। उनके लिए ये निराशाजनक, दिल तोड़ने वाला और दुखद अंत है। ग्लैमर्गन ने 1951 में दक्षिण अफ्रीका को भी यहीं हराया। इंग्लैंड ने 1973 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध यहां वनडे इंटरनेशनल खेला था और 10 साल बाद, वर्ल्ड कप में पाकिस्तान-श्रीलंका मैच भी हुआ। एलन जोन्स के नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 36049 रन हैं और वे इसे अपना 'लकी' ग्राउंड कहते हैं- यहां 12 फर्स्ट क्लास 100 हैं उनके और नाइंटीज के 10 स्कोर बनाए। डॉन शेफर्ड ने यहां 464 विकेट लिए (उनके कुल  2218 विकेट में से)। 1985 में मैथ्यू मेनार्ड ने यहीं लगातार 3 छक्के लगाकर 100 पूरा किया था। 

6 छक्के का रिकॉर्ड बहरहाल सबसे बड़ी स्टोरी है। ये एक ऐसा प्रदर्शन है कि इस पर अकेले ग्राहम लॉयड ने दो किताबें लिख दीं- एक तो उस ओवर पर (Six of the Best: Cricket's Most Famous Over) और दूसरी उस दिन इस्तेमाल की गई गेंद के रहस्य पर। रिकॉर्ड बनने के कुछ साल बाद इस मशहूर गेंद को चेरिटी के लिए नीलाम कर दिया गया पर अपनी किताब में लॉयड ने दावा किया है कि ये वह गेंद थी ही नहीं जिस पर सोबर्स ने छक्के लगाए थे। खैर इस गेंद के रहस्य की चर्चा एक अलग स्टोरी है।    

संक्षेप में उस ओवर का जिक्र करते हैं जिसमें सोबर्स ने 6 छक्के लगाए। पहले दिन एक समय नॉट्स का स्कोर 358-5 था और उसके बाद तेजी से रन बनाने के इरादे में सोबर्स ने ये रिकॉर्ड बनाया। नैश का टी इंटरवल के बाद पहला ओवर :

पहली गेंद: खराब गेंद नहीं थी, स्टंप लेंथ पर थी पर सोबर्स ने इसे सीधा लॉन्ग-ऑन के ऊपर मारा और ये ग्राउंड से बाहर चली गई।

दूसरी  गेंद: जानबूझ कर फ्लाइट किया पर सोबर्स ने फिर से बड़ा शॉट लगाया और गेंद स्क्वायर लेग के ऊपर और ये भी सड़क पर गई।

तीसरी गेंद: लांग ऑफ के ऊपर और ऐसा लग रहा था गेंद ऑर्बिट में चली जाएगी। 

चौथी गेंद: अब एक स्लिप के अतिरिक्त बाकी सभी फील्डर बॉउंड्री लाइन पर थे। अगला शॉट मिडविकेट के ऊपर हालांकि बैकफुट पर खेले थे। ये कुछ मिस हिट जैसा था पर उसे भी पकड़ना मुश्किल था। आज ये कह सकते हैं कि किसी टी20 के आखिरी ओवर की बैटिंग हो रही थी। 

पांचवीं गेंद: गेंद को और फ्लाइट दी और शॉट रोजर डेविस की तरफ था लांग ऑफ पर और वे तैयार थे। कैच ले लिया पर संतुलन बिगड़ गया और कैच छूट गया। कुछ दर्शक 'आउट' चिल्लाए तो कुछ '6'। अंपायरों ने आपस में सलाह की पर तब तक सोबर्स ने पवेलियन की ओर चलना शुरू कर दिया था। उन्हें देख दर्शक चिल्लाए- 'तुम आउट नहीं हो, वापस जाओ'।

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छठी गेंद: अब सोबर्स को लगा कि 6 छक्के का रिकॉर्ड बन सकता है। नैश ने शॉर्ट रन के साथ राउंड द विकेट सीमर फेंकी और उनके हिसाब से ये उस दिन की उनकी सबसे खराब गेंद थी। नतीजा- गेंद मिड विकेट के ऊपर से, दो इमारतों के बीच सड़क पर जा गिरी। इस तरह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पहली बार एक ओवर में 6 छक्के का रिकॉर्ड बना।
 

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